नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश में हाथ से मैला उठाने का कार्य करने वाला अब एक भी व्यक्ति नहीं है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने सदन में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के एक सर्वेक्षण के अनुसार देश में 58 हजार से अधिक लाेग हाथ से मैला उठाने का कारण कर रहे थे। वर्ष 2019 तक देश में घर – घर शौचालय बनायें गये। इस कारण से देश में अभी हाथ से मैला उठाने का कार्य कोई व्यक्ति नहीं करता है। उन्होंने कहा कि हाथ से मैला उठाने वाले लोगों का पुनर्वास किया जा रहा है। चालीस हजार से अधिक को ऋण , प्रशिक्षण के माध्यम से पुनर्वास किया जा चुका है। शेष के लिए पुनर्वास प्रक्रिया चल रहा है।
उन्होंने कहा कि सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए आधुनिक उपकरणों और मशीनों का प्रयोग किया जाता है। केंद्र सरकार सभी स्थानीय निकायों को साफ सफाई के आधुनिक उपकरणों के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध कराती है।