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लंच के दौरान जम्मू-कश्मीर का अधिकारी बोला – ऋग्वेऋद देता है नॉन वेज खाने की इजाजत, हुआ निलंबित

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक वरिष्ठ अधिकारी ने लंच के दौरान अपने जूनियर्स से कहा कि ऋग्वेऋद मांस खाने की अनुमति देता है, जिसके बाद उसको धार्मिक भावनाओं को आहत करने के कारण निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही इस मामले की जांच के भी आदेश दिए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पंचायत सहायक आयुक्त अब्दुल राशिद कोहली के द्वारा धार्मिक भावना आहत करने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब्दुल राशिद कोहली ने लंच के दौरान अपने जूनियर्स से कहा कि ऋग्वेऋद नॉन वेज खाने की इजाजत देता है, जिसके बाद राजौरी जिलाधिकारी विकास कुंडल ने अब्दुल राशिद को निलंबित करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी विकास कुंडल की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि उन्हें पंचायत सहायक आयुक्त के द्वारा ‘विशेष धर्म के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी’ के बारे में शिकायत मिली थी, जिसके कारण निलंबन की कार्रवाई की गई है।

इसके साथ ही जिलाधिकारी विकास कुंडल ने बताया कि पंचायत सहायक आयुक्त अब्दुल राशिद कोहली ने लंच के दौरान कहा कि मैंने इंटरनेट पर पढ़ा था कि ऋग्वेऋद मांस खाने की अनुमति देता है। उनके इस बयान से कानून व्यवस्था को लेकर समस्या पैदा हो सकती थी, इसके अलावा उन्होंने अधिकारी ने सेवा आचरण के नियमों का भी उल्लंघन किया है, जिसके कारण उन पर यह कार्रवाई की गई है।

पंचायत सहायक आयुक्त अब्दुल राशिद कोहली ने अपने बयान को लेकर दी सफाई

पंचायत सहायक आयुक्त अब्दुल राशिद कोहली ने एक निजी चैनल से बात करते हुए बताया कि वह 4 ग्राम स्तरीय वर्करों के साथ लंच करने के लिए होटल गए हुए थे, जिसमें से 2 लोग हिंदू व 2 मुस्लिम थे। खाना खाते समय चर्चा के दौरान मैंने बताया कि मैंने इंटरनेट पर पढ़ा था कि ऋग्वेऋद मांस खाने की अनुमति देता है। मुझे यह अहसास नहीं हुआ कि हिंदू वर्करों को इसके कारण बुरा लगा है नहीं तो मैं माफी मांग लेता। इसके साथ ही अब्दुल राशिद ने कहा कि मेरा कोई इरादा उन्हें ठेस पहुंचाने का नहीं था और न ही मैंने उन्हें नॉन वेज खाना खाने को कहा।

‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी से स्थानीय युवा नाराज हैं नाराज: भाजपा महासचिव

भाजपा महासचिव विबोध गुप्ता ने वीडियो जारी करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि “हम उनका निलंबन नहीं चाहते हैं, उन्हें निकाल दिया जाना चाहिए। इस ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी से स्थानीय युवा नाराज हैं, जिसके कारण हम पुलिस से FIR दर्ज करने की मांग करते हैं।

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