मंगल पर बसने वालों के लिए भोजन का इंतजाम हुआ
क्रिस्टीना जॉनसन ने बताया कि अंतरिक्ष में जिसे सबसे आसानी से उगाया जा रहा है, वह मिजुना है। इस श्रेणी में सरसों का साग, ब्रोकली आदि आते हैं।
चांद और मंगल पर इंसानी बस्ती बसाने के मिशन पर गंभीरता से काम चल रहा है। मगर वहां रहने वाले लोगों का नियमित भोजन क्या होगा, इस पर नासा से जुड़े वैज्ञानिक लंबे समय से काम कर रहे हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हो रहे प्रयोगों से इस गुत्थी को सुलझाने में मदद मिली है।
मंगल पर या धरती से बाहर अन्य ग्रहों पर जाने वाले लोग क्या खाएंगे, इस पर शोध कर रहे नासा कनेडी स्पेस सेंटर पोस्टडोक फेलो क्रिस्टीना जॉनसन इंसान के भविष्य का भोजन तैयार करने का प्रयोग अंतरिक्ष में कर रहे हैं।
क्रिस्टीना जॉनसन ने बताया कि अंतरिक्ष में जिसे सबसे आसानी से उगाया जा रहा है, वह मिजुना है। इस श्रेणी में सरसों का साग, ब्रोकली आदि आते हैं। इन्हें स्पेस स्टेशन पर भी आसानी से उगाया जा सकता है। सरसों की सुगंध की वजह से अंतरिक्ष यात्री इसे खाना भी पसंद करते हैं। इसके अलावा लेटूस भी उगाया जा रहा है। इसमें मूली और बैंगनी पत्ती वाली सब्जियां शामिल हैं।
नासा के चीफ साइंटिस्ट रहे जिम ग्रीन से नासा के इंट्रा प्लेनट टॉक शो में क्रिस्टीना जॉनसन ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से हम जो अंतरिक्ष स्टेशन पर हरी पत्तेदार सब्जियां उगा रहे हैं, उन्हें देखना काफी सुखद है। यहां अंतरिक्ष यात्री उन्हें ही खा रहे हैं।
स्पेस स्टेशन पर पौधों के लिए आवश्यक तत्व हवा, पानी और रोशनी स्वयं तैयार करने होते हैं। वहां सूर्य की रोशनी का इस्तेमाल करना क्रू के लिए घातक हो सकता है। इसलिए एलईडी से कृत्रिम प्रकाश पैदा किया जाता है। इसी तरह से उच्च कार्बनडाइऑक्साइड और कम कार्बनडाऑक्साइड के एयर पॉकेट्स बनाते हैं। ग्रेविटी न होने की वजह से वहां पौधों को पानी देना धरती जैसा आसान नहीं है। यह एक बड़ी समस्या है।