पत्नी को जिंदा जलाकर मार दिया, जज ने हत्या का दोषी तो ठहराया लेकिन सुनाई ऐसी सजा,छिन गया ADJ का पद
दहेज हत्या के मामले में दोषी को नाम मात्र की सजा देने के कारण प्रशासकीय समिति ने उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की थी जिसे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फुल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। लीना ने एमपी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ही सुप्रीम कोर्ट गई थीं, लेकिन उन्हें यहां से भी राहत नहीं मिली।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सेशंस जज (ADJ) लीना दीक्षित की रिट पिटिशन को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अब उनके जज पद पर रह पाने की सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं। दहेज हत्या के मामले में दोषी को नाम मात्र की सजा देने के कारण प्रशासकीय समिति ने उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की थी जिसे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फुल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। लीना ने एमपी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ही सुप्रीम कोर्ट गई थीं, लेकिन उन्हें यहां से भी राहत नहीं मिली।
अपराध की गंभीरता और सजा में नरमी का मामला जोर पकड़ा तो लीना ने खुद ही अपने जजमेंट की समीक्षा की और दफा 302 के बदले दफा 304ए के तहत दोषी बता दिया जिसमें ज्यादा से ज्यादा दो वर्षों की सजा होती है। जबकि दहेज हत्या का मामला दफा 304बी के तहत आता है और इसमें कम-से-कम सात साल की सजा का प्रावधान है जो अधिकतम उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है।प्रशासकीय समिति ने जज के इस व्यवहार को पद की गरिमा के खिलाफ माना और उन्हें हटाने की सिफारिश की। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि लीना दीक्षित ने ऐसी गलती की है जिसका बचाव नहीं किया जा सकता है। ऊपर से अनधिकृत तरीके से 302 की दफा बदलकर 304ए कर देना, नीम पर करेला चढ़ने जैसा है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि लीना दीक्षित जज के गरिमामय पद के काबिल नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में लीना का केस जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एसआर भट और जस्टिस एस धूलिया की बेंच के पास गया। लीना ने अपने बचाव में दलील दी कि यह उनकी पहली गलती है और बारबार कहा कि चूंकि यह उनकी पहली और एकमात्र गलती है, इसलिए उन्हें पद से हटाना ठीक नहीं होगा। लीना की इन दलीलों पर
प्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘…आप किसी व्यक्ति को हत्या का दोषी ठहराकर पांच साल की जेल की सजा कैसे दे सकती हैं? और, फिर आपने दोष की दफा बदलकर 304ए कर दिया। ऐसा करते वक्त आपने यह भी नहीं सोचा कि आपको अपना फैसला बदलने का अधिकार है भी या नहीं। आप धारा 302 और 498ए (दहेज प्रताड़ना) का मतलब जानती हैं।’