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PM मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में NCC दिवस की देशवासियों को दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) दिवस की देशवासियों को शुभकामनाएं दी।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि साथियों, आज बड़ा ही खास दिन है। आज एनसीसी दिवस है। एनसीसी का नाम सामने आते ही हमें स्कूल-कॉलेज के दिन याद आ जाते हैं। मैं स्वयं भी एनसीसी कैडेट रहा हूं, इसलिए पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इससे मिला अनुभव मेरे लिए अनमोल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि एनसीसी युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा की भावना पैदा करती है। आपने अपने आस-पास देखा होगा, जब भी कहीं कोई आपदा होती है, चाहे बाढ़ की स्थिति हो, कहीं भूकंप आया हो, कोई हादसा हुआ हो, वहां मदद करने के लिए एनसीसी के कैडेट जरूर मौजूद हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि आज देश में एनसीसी को मजबूत करने के लिए लगातार काम हो रहा है। 2014 में करीब 14 लाख युवा एनसीसी से जुड़े थे। अब 2024 में, 20 लाख से ज्यादा युवा एनसीसी से जुड़े हैं। पहले के मुकाबले पांच हजार और नए स्कूल-कॉलेजों में अब एनसीसी की सुविधा हो गई है।

सबसे बड़ी बात पहले एनसीसी में गर्ल्स कैडेट्स की संख्या करीब 25% के आस-पास ही होती थी और अब एनसीसी में गर्ल्स कैडेट्स की संख्या करीब-करीब 40% हो गई है।

बॉर्डर किनारे रहने वाले युवाओं को ज्यादा से ज्यादा एनसीसी से जोड़ने का अभियान भी लगातार जारी है। मैं युवाओं से आग्रह करूंगा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में एनसीसी से जुड़ें। आप किसी भी क्षेत्र में जाएं लेकिन एनसीसी से आपके व्यक्तित्व निर्माण में बड़ी मदद मिलेगी।

युवाओं को अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति के मूल्यों के साथ आकार देने के इरादे से 1948 में एनसीसी की स्थापना की गई थी।

विश्व का सबसे बड़ा युवा संगठन राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का आदर्श वाक्य एकता और अनुशासन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 116वें संस्करण में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ के बारे में बताया। जिसका आयोजन स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती पर आयोजित होगा।

पीएम मोदी ने कहा, युवा मन जब एकजुट होकर देश की आगे की यात्रा के लिए मंथन करते हैं, चिंतन करते हैं, तो निश्चित रूप से इसके ठोस रास्ते निकलते हैं। आप जानते हैं 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर देश ‘युवा दिवस’ मनाता है। अगले साल स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती है। इस बार इसे बहुत खास तरीके से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 11-12 जनवरी को दिल्ली के भारत मंडपम में युवा विचारों का महाकुंभ होने जा रहा है, और इस पहल का नाम है ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’।

उन्होंने आगे कहा भारत-भर से करोड़ों युवा इसमें भाग लेंगे | गांव, ब्लॉक, जिले, राज्य और वहां से निकलकर चुने हुए ऐसे दो हजार युवा भारत मंडपम में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ के लिए जुटेंगे। आपको याद होगा, मैंने लाल किले की प्राचीर से ऐसे युवाओं से राजनीति में आने का आहवान किया है, जिनके परिवार का कोई भी व्यक्ति और पूरे परिवार का पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है, ऐसे एक लाख युवाओं को, नए युवाओं को, राजनीति से जोड़ने के लिए देश में कई तरह के विशेष अभियान चलेंगे।

‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ भी ऐसा ही एक प्रयास है। इसमें देश और विदेश से एक्सपर्ट्स आएंगे। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी रहेंगी। मैं भी इसमें ज्यादा-से-ज्यादा समय उपस्थित रहूंगा। युवाओं को सीधे हमारे सामने अपने आइडियाज को रखने का अवसर मिलेगा। देश इन आइडियाज को कैसे आगे लेकर जा सकता है? कैसे एक ठोस रोडमैप बन सकता है? इसका एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा, तो आप भी तैयार हो जाइए, जो भारत के भविष्य का निर्माण करने वाले हैं, जो देश की भावी पीढ़ी हैं, उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका आ रहा है। आइए, मिलकर देश बनाएं, देश को विकसित बनाएं।

पीएम मोदी ने ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ के बारे में बताया। जिसका आयोजन स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती पर आयोजित होगा।

मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, युवा मन जब एकजुट होकर देश की आगे की यात्रा के लिए मंथन करते हैं, चिंतन करते हैं, तो निश्चित रूप से इसके ठोस रास्ते निकलते हैं। आप जानते हैं 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर देश ‘युवा दिवस’ मनाता है। अगले साल स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती है। इस बार इसे बहुत खास तरीके से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 11-12 जनवरी को दिल्ली के भारत मंडपम में युवा विचारों का महाकुंभ होने जा रहा है, और इस पहल का नाम है ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’।

उन्होंने आगे कहा भारत-भर से करोड़ों युवा इसमें भाग लेंगे | गांव, ब्लॉक, जिले, राज्य और वहां से निकलकर चुने हुए ऐसे दो हजार युवा भारत मंडपम में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ के लिए जुटेंगे। आपको याद होगा, मैंने लाल किले की प्राचीर से ऐसे युवाओं से राजनीति में आने का आहवान किया है, जिनके परिवार का कोई भी व्यक्ति और पूरे परिवार का पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है, ऐसे एक लाख युवाओं को, नए युवाओं को, राजनीति से जोड़ने के लिए देश में कई तरह के विशेष अभियान चलेंगे।

‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ भी ऐसा ही एक प्रयास है। इसमें देश और विदेश से एक्सपर्ट्स आएंगे। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी रहेंगी। मैं भी इसमें ज्यादा-से-ज्यादा समय उपस्थित रहूंगा। युवाओं को सीधे हमारे सामने अपने आइडियाज को रखने का अवसर मिलेगा। देश इन आइडियाज को कैसे आगे लेकर जा सकता है? कैसे एक ठोस रोडमैप बन सकता है? इसका एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा, तो आप भी तैयार हो जाइए, जो भारत के भविष्य का निर्माण करने वाले हैं, जो देश की भावी पीढ़ी हैं, उनके लिए ये बहुत बड़ा मौका आ रहा है। आइए, मिलकर देश बनाएं, देश को विकसित बनाएं।

प्रधानमंत्री ने निस्वार्थ भाव से समाज के लिए काम कर रहे युवाओं की सराहना की। पीएम मोदी ने बताया कि ऐसे कई युवा समूह बनाकर लोगों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान निकालने में जुटे हैं।

पीएम मोदी ने मन की बात में कहा, “ऐसे कितने ही युवा हैं जो लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने में जुटे हैं। हम अपने आस-पास देखें तो बहुत से लोगों ऐसे हैं, जिन्हें किसी ना किसी तरह की मदद चाहिए, कोई जानकारी चाहिए। मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि कुछ युवाओं ने समूह बनाकर इस तरह की बात के समाधान पर ध्यान दिया है।”

पीएम मोदी ने लखनऊ के रहने वाले वीरेंद्र का उदाहरण दिया जो बुजुर्गों को डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के काम में मदद करते हैं। पीएम मोदी ने कहा, “आप जानते हैं कि नियमों के मुताबिक सभी पेशनरों को साल में एक बार लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराना होता है। 2014 तक इसकी प्रक्रिया यह थी इसे बैंकों में जाकर बुजुर्ग को खुद जमा करना पड़ता था। आप कल्पना कर सकते हैं कि इससे हमारे बुजुर्गों को कितनी असुविधा होती थी। अब ये व्यवस्था बदल चुकी है। अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट देने से चीजें बहुत ही सरल हो गई हैं, बुजुर्गों को बैंक नहीं जाना पड़ता।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “बुजुर्गों को तकनीक की वजह से कोई दिक्कत ना आए, इसमें, वीरेंद्र जैसे युवाओं की बड़ी भूमिका है। वह अपने क्षेत्र के बुजुर्गों को इसके बारे में जागरूक करते रहते हैं। इतना ही नहीं वह बुजुर्गों को टेक सेवी भी बना रहे हैं। ऐसे ही प्रयासों से आज डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट पाने वालों की संख्या 80 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। इनमें से दो लाख से ज्यादा ऐसे बुजुर्ग हैं, जिनकी आयु 80 के भी पार हो गई है।”

पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, कई शहरों में ‘युवा’ बुजुर्गों को डिजिटल क्रांति में भागीदार बनाने के लिए भी आगे आ रहे हैं। भोपाल के महेश ने अपने मोहल्ले के कई बुजुर्गों को मोबाइल के माध्यम से पेमेंट करना सिखाया है। इन बुजुर्गों के पास स्मार्ट फोन तो था, लेकिन, उसका सही उपयोग बताने वाला कोई नहीं था। बुजुर्गों को डिटिटल अरेस्ट के खतरे से बचाने के लिए भी युवा आगे आए हैं।

पीएम मोदी ने आगे बताया, “ऐसे ही अहमदाबाद के राजीव, लोगों को डिटिटल अरेस्ट के खतरे से आगाह करते हैं। मैंने ‘मन की बात’ के पिछले एपिसोड में डिटिटल अरेस्ट की चर्चा की थी। इस तरह के अपराध के सबसे ज्यादा शिकार बुजुर्ग ही बनते हैं। ऐसे में हमारा दायित्व है कि हम उन्हें जागरूक बनाएं और साइबर फ्रॉड से बचने में मदद करें। हमें बार-बार लोगों को समझाना होगा कि डिटिटल अरेस्ट नाम का सरकार में कोई भी प्रावधान नहीं है। ये सरासर झूठ, लोगों को फंसाने का एक षड्यंत्र है। मुझे खुशी है कि हमारे युवा साथी इस काम में पूरी संवेदनशीलता से हिस्सा ले रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने चेन्नई की एक लाइब्रेरी के बारे में बताया। उन्होंने कहा ये क्रिएटिविटी और लर्निंग का हब बन चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, आजकल बच्चों की पढ़ाई को लेकर कई तरह के प्रयोग हो रहे हैं। कोशिश यही है कि हमारे बच्चों में क्रिएटिविटी और बढ़े, किताबों के लिए उनमें प्रेम और बढ़े – कहते भी हैं ‘किताबें’ इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, और अब इस दोस्ती को मजबूत करने के लिए, लाइब्रेरी से ज्यादा अच्छी जगह और क्या होगी | मैं चेन्नई का एक उदाहरण आपसे शेयर करना चाहता हूं।

यहां बच्चों के लिए एक ऐसी लाइब्रेरी तैयार की गई है, जो, क्रिएटिविटी और लर्निंग का हब बन चुकी है | इसे प्रकृत् अरिवगम् के नाम से जाना जाता है। इस लाइब्रेरी का आइडिया, टेकनोलॉजी की दुनिया से जुड़े श्रीराम गोपालन जी की देन है। विदेश में अपने काम के दौरान वे लेटेस्ट टेकनोलॉजी की दुनिया से जुड़े रहे। लेकिन, वो, बच्चों में पढ़ने और सीखने की आदत विकसित करने के बारे में भी सोचते रहे। भारत लौटकर उन्होंने प्रकृत् अरिवगम् को तैयार किया। इसमें तीन हजार से अधिक किताबें हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए बच्चों में होड़ लगी रहती है।

किताबों के अलावा इस लाइब्रेरी में होने वाली कई तरह की एक्टिविटी भी बच्चों को लुभाती हैं। स्टोरी टेलिंग सेशन हो, आर्ट वर्कशॉप्स हो, मेमोरी ट्रेनिंग क्लासेस, रोबोटिक्स लर्निंग या फिर पब्लिक स्पीकिंग, यहां, हर किसी के लिए कुछ-न-कुछ जरूर है, जो उन्हें पसंद आता है

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