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Delhi की हवा में घुला जहर, बहुत खराब श्रेणी में पहुंची वायु गुणवत्ता

दिल्ली में सांस लेना लगातार दूभर होता जा रहा है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को भी 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया है।

दिल्ली में सांस लेना लगातार दूभर होता जा रहा है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। राष्ट्रीय राजधानी के कई स्थानों पर धुंध की पतली परत छाई हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मंगलवार सुबह आठ बजे दिल्ली का एक्यूआई 384 दर्ज किया गया। सफर इंडिया के अनुसार, मंगलवार सुबह दिल्ली के कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता 400 के स्तर को पार कर गई, जिससे यह ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई।

सोमवार को सुबह करीब 7 बजे मुंडका में एक्यूआई 416, विवेक विहार में 424, अशोक विहार में 418, न्यू मोती बाग में 414, आनंद विहार में 457, रोहिणी में 401 और द्वारका सेक्टर 8 में 404 दर्ज किया गया। इन सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ दर्ज किया गया, जिससे स्वास्थ्य को काफी खतरा पैदा हो गया।

इसी दौरान पूसा में एक्यूआई 364, आरके पुरम में 396, आईटीओ में 343, लोधी रोड में 346 और नरेला में 390 दर्ज किया गया। बता दें कि आमतौर पर किसी शहर के एक्यूआई को ‘200 और 300’ के बीच ‘खराब’, ‘301 और 400’ के बीच ‘बहुत खराब’, ‘401-450’ के बीच ‘गंभीर’ तथा 450 और इससे अधिक को ‘गंभीर से अधिक’ माना जाता है।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने पर लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन कैसे हुआ। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली सरकार से प्रदूषण से निपटने और शहर में पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा।

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