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ASI की मंजूरी के बिना जगन्नाथ परिक्रमा परियोजना का निर्माण अनुचित

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई)की अनुमति और अनुमोदन के बिना जगन्नाथ परिक्रमा परियोजना का निर्माण कार्य अनुचित है

भुवनेश्वर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई)की अनुमति और अनुमोदन के बिना जगन्नाथ परिक्रमा परियोजना का निर्माण कार्य अनुचित है।
सुश्री सारंगी की यह प्रतिक्रिया एएसआई की ओर से ओडिशा उच्च न्यायालय के समक्ष दायर उस हलफनामे के परिप्रेक्ष्य में सामने आयी है , जिसमें कहा गया है कि 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के आसपास बड़े पैमाने पर खुदाई और निर्माण कार्य करने से पहले ओडिशा सरकार ने कोई वैध अनुमति नहीं ली है।
सांसद ने अपने ट्वीट में कहा , “ उच्च न्यायालय में दायर एएसआई का हलफनामे के तहत संयुक्त निरीक्षण नोट अध्ययन योग्य है। बहुत सावधानीपूर्वक तैयार किये गये इस नोट में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार की ओर से किये जा रहे निर्माण कार्य विधिसम्मत नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “ उच्च न्यायालय के समक्ष एएसआई के हलफनामा दाखिल करने के बाद मुझे विश्वास है कि भगवान जगन्नाथ खुद को और अपने मंदिर को एक निर्वाचित राज्य सरकार से बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कानून की अवहेलना करने पर तुली हुई है।” उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर जनता का इतना पैसा जबरन बुनियादी ढांचे के निर्माण पर क्यों खर्च किया जा रहा है तथा यदि आने वाले समय में इन संरचनाओं को अवैध घोषित किया जाता है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।”
ओडिशा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति आर के पटनायक की खंडपीठ ने 08 मई को जगन्नाथ परिक्रमा परियोजना पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि एएसआई के हलफनामे के जवाब में राज्य सरकार को 20 जून या उससे पहले अपना पक्ष रखना चाहिए। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जून की तिथि मुकर्रर की है।

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