uttar pradesh

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सार्वजनिक रूप से की गई टिप्पणी पर ही लागू होगा एससी-एसटी ऐक्ट

 इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए की गई टिप्पणी या धमकाने पर ही एससी-एसटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। अपराध यदि सार्वजनिक रूप से नहीं किया गया है तो इस एक्ट की धारा 3(1)(आर) के प्रावधान लागू नहीं होंगे।

कोर्ट ने याची पर एससी-एसटी एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को रद्द कर दिया, लेकिन कहा कि अन्य अपराधों में कार्रवाई जारी रहेगी। न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की कोर्ट ने पिंटू सिंह की याचिका पर यह आदेश दिया। आरोप लगाया गया, नामजद आरोपियों ने शिकायतकर्ता के घर में घुसकर जातिसूचक टिप्पणी करते हुए मारपीट की। याची ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर एससीएसटी ऐक्ट के तहत की गई कार्रवाई को चुनौती दी। कोर्ट ने कहा कि कथित घटना घर में हुई थी और घटना के दौरान वहां कोई बाहरी आदमी नहीं था। ऐसे में एससीएसटी एक्ट के प्रावधान इस मामले में लागू नहीं होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
× How can I help you?