फलावदा। कस्बा फलावदा में काले सिंह रोड स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की स्थापना दो 2 नवंबर 2011 को तत्कालीन चेयरमैन मिर्जा शफीकुद्दीन ने पूर्व विधायक सैय्यद जकीउद्दीन को प्रेरणा स्त्रोत मानते हुए मल्टी सेक्टर डेवलप प्लेन MSDP के अंतर्गत की गई थी जिसका शिलन्याश तत्कालीन कमिश्नर भुवनेश कुमार IAS के कर कमल द्वारा हुआ था लेकिन स्थापना के 12 वर्ष बाद भी आज तक शिक्षण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया जबकि कस्बा फलावदा की बालिकाएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए मवाना जाना पड़ता है जिस कारण कुछ बालिकाओं के माता-पिता बाहर शिक्षक ग्रहण करने के लिए नहीं भेजते हैं । सरकार द्वारा लाखो रुपए खर्च करने के बाद भी है कॉलेज का काम पूरा नहीं हो पाया है। जिसके बाद गांव की लड़कियों को शिक्षा के लिए बसों में दिक्कतें झेलनी पड़ती है।
कालेसिंह मंदिर के पास स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नशाखोरी का अड्डा बन गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य रुकने के बाद कॉलेज खंडहर बन गया था। इस वजह से गांव के नशेड़ी व असामाजिक तत्वों ने इस जगह को नशाखोरी का अड्डा बना लिया है। इसके अलावा भी यहां अन्य कई तरह की गैरकानूनी गतिविधियां की जा रही है। अब जब कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू हो गया है तो अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी।
क्षेत्र के लोगों ने १२ साल पहले फलावदा के निकट कालेसिंह मंदिर के सामने परिसर में बने बालिका इंटर कॉलेज को आगामी शैक्षिक सत्र में चालू कराने की मांग उठाई है। लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से यह भवन लाखों की लागत से बना हुआ है। लेकिन इसका कोई भी उपयोग अभी तक नहीं हो पाया है। भवन खंडहर में तब्दील होने की स्थिति में आ गया।
भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री संजीव बालियान, पूर्व विधायक संगीत सोम व भाजपा पदाधिकारियों को बालिकाओं को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए फलावदा स्थित राजकीय इंटर कॉलेज भवन में शिक्षण कार्य शुरू करने के लिए अवगत कराया गया था। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी पूरी तरह से अंजान बने हुए हैं। जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कॉलेज को चालू कराने की कवायद पिछले साल से लोगों द्वारा की जा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे चालू कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं। यहां तक कि सरधना विधानसभा क्षेत्र के सपा विधायक अतुल प्रधान ने कॉलेज को चालू कराने के मामले को सदन में उठाया था। लेकिन अभी तक इस पर कार्रवाई नहीं हुई।
शिक्षा विभाग के अधिकारीओ ने जिलाधिकारी से मामले को संज्ञान में लेकर आगामी शैक्षिक सत्र में कॉलेज को शुरू कराने की मांग की है। इस संबंध में डीआईओएस ने बताया कि उनके द्वारा इस संबंध में शासन को पत्राचार किया जा रहा है। एसडीएम मवाना का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर कॉलेज को चालू कराने का हर संभव प्रयास किया जायेगा।