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धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनायी गयी वाल्मीकि जयंती

भगवान वाल्मीकि के बताए मार्ग पर चलने का आहवान किया

शामली। शहर के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में महर्षि वाल्मीकि जयंती उल्लास एवं उमंग के साथ मनायी गयी। इस अवसर पर शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके आदर्शों पर चलने का आहवान किया। जानकारी के अनुसार शनिवार को महर्षि वाल्मीकि जयंती शिक्षण संस्थाओं में उल्लास के साथ मनायी गयी। इस अवसर पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता अजेन्द्र सिंह, आचार्य रविन्द्र कुमार ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने रामायण की रचना की। इस गं्रथ में भगवान श्रीराम ने उन सभी मानवीय मर्यादाओं का पालन किया, जो आज प्रत्येक प्राणी के जीवन में अत्यंत उपयोगी एवं आवश्यक है। रामायण हिन्दू धर्म का एक ऐसा पवित्र ग्रंथ है जो समस्त प्राणियों के कल्याण की कल्पना  करता है। यह पवित्र ग्रंथ धरती पर समस्त जीवों के परस्पर संतुलन से उनका सुखपूर्वक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करता है। भगवान वाल्मीकि ने रामायण में लिखी प्रत्येक पंक्ति को सत्य की कसौटी पर कसकर लिखा है। इस अवसर पर प्रवेश शर्मा, सुनील कुमार, मोहित, शिव कुमार धीमान, रवि, आदेश धीमान, रामकुमार, विजेन्द्र, अनुज शर्मा, अमित, आशीष जैन, सुधीर, लक्ष्मी गर्ग, प्रीति शर्मा, सविता गुप्ता आदि भी मौजूद रहे।
वहीं सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कालेज में महर्षि वाल्मीकि की जयंती भव्य रूप से मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार वरिष्ठ आचार्य संजीव कुमार व बालिकाओं ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्चन कर किया। बालिका सुमुखी व हिंदी प्रवक्ता गीता कंबोज ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन से संबंधित घटनाओं का वर्णन किया। प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार ने  कहा की महर्षि वाल्मीकि वैदिक काल के महर्षियों में सम्मिलित है वे विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य जो सामाजिक मानवीय एवं राष्ट्रीय मूल्यों का आदर्श है के रचयिता है। ऐसे सनातन धर्म के प्रतीक महाकाव्य के द्वारा हमें त्याग शौर्य और विनम्रता जैसे गुणों की सीख मिलती है कि हम इन्हें अपने जीवन में धारण करें और आगे बढ़े महर्षि वाल्मीकि के जीवन की तरह ही हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बुराई को त्याग कर अच्छाई के मार्ग पर चलना चाहिए। और रामायण जैसे महाकाव्य से प्रेरणा लेनी चाहिए।
दूसरी ओर मौहल्ला पंसारियान वाल्मीकि कालोनी में भी भगवान वाल्मीकि जयंती उल्लास के साथ मनायी गयी। कार्यक्रम में सपा के प्रवक्ता सुधीर पंवार एवं शामली विधायक प्रसन्न चौधरी, कुश मलिक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष दीपक सैनी, सपा जिलाध्यक्ष अशोक चौधरी, राष्ट्रीय वाल्मीकि समाज प्रतिनिधिमंच के अध्यक्ष अरविन्द झंझोट ने वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रो. सुधीर पंवार ने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने प्रथम कावय श्री रामायण की रचना कर सत्य का मार्ग एवं शिक्षा का मार्ग का रास्ता बताया है। हम सभी को शिक्षा के मार्ग को अपनाना चाहिए, शिक्षा के मार्ग से समाज की एवं राष्ट्र की प्रगति उन्नति होती है। दीपक सैनी ने भगवान वाल्मीकि के बताए मार्ग पर चलने का आहवान किया। अरविन्द झंझोट ने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने विश्व को प्रथम पवित्र ग्रंथ श्री रामायण रचकर मानव कल्याण के लिए कार्य किया। इस अवसर पर नंदूप्रसाद वाल्मीकि, रमेश मराठा, डा. राजीव वशिष्ठ, काजल वाल्मीकि, सुनीता, सुमन, विशाल, प्रमोद कश्यप, मुकेश, अरूण झंझोट, अर्जुन, राजू, विनोद आदि भी मौजूद रहे।

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