बिनौली। बरनावा के श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 41 दिवसीय शांति विधान में मंगलवार को श्रद्धालुओं ने 120 अर्ध्य समर्पित कर पूजा अर्चना की।
विधान में श्रद्धालुओं ने ब्रहमचारी प्रदीप पीयूष के निर्देशन में नित्य नियम पूजन, शांतिधारा, अभिषेक व अन्य कियाएं
संपन्न की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंतर्मन में जब ईर्ष्या की ज्वाला भड़कती है, तो इसमें उसके सारे सद्गुण जलकर खाक हो जाते हैं, क्योंकि दावानल अग्नि से ईर्ष्या की अग्नि अनंत गुना ज्यादा खतरनाक होती है। यह परमाणु बम से भी विस्फोटक होती है। यह धार्मिक व्यक्ति को भी शैतान और राक्षस बना देती है, ऐसी आत्मा का विश्व के किसी धर्म में प्रवेश नहीं है। परिवारिक रिश्तो में भी ईर्ष्या कड़वाहट घोल देती है। भाई को भाई का दुश्मन बना देती है। स्वयं की सुख शांति समृद्धि सब कुछ छीन लेती है। धन वैभव परिवार का त्याग कर जो जीव चंद्रप्रभु भगवान के चरणों में इनकी आराधना करता है वह ईर्ष्या का परित्याग कर देता है। ईर्ष्या से मुक्ति पाना चंद्रप्रभु भगवान के श्री चरणों में संभव है। किसी को आगे बढ़ते देखकर ईर्ष्या करने की बजाय उसे आदर्श मानते हुए उसका अनुसरण करना चाहिए। यही मानव की मानवता है। पंकज जैन, संदीप जैन, मुकेश जैन, हिमांशु जैन, विशाल जैन, ममता जैन, सीता जैन, ऋषभ जैन, विनेश जैन, दिनेश जैन आदि मौजूद रहे।