IPL में टीम को कठिन परिस्थितियों से अवगत कराने के लिए लिया बल्लेबाज़ी का फ़ैसला
एक करो या मरो मुक़ाबले में टॉस हारना मयंक अग्रवाल के लिए काफ़ी चिंता का विषय रहा होगा
मुम्बई। एक करो या मरो मुक़ाबले में टॉस हारना मयंक अग्रवाल के लिए काफ़ी चिंता का विषय रहा होगा। इस सीज़न में टॉस के मामले में पंजाब किंग्स दूसरी सबसे बदक़िस्मत टीम रही है। पंजाब किंग्स ने दस में से आठ टॉस हारे हैं, लेकिन मंगलवार को टॉस हारने के कुछ ही पलों बाद मयंक अग्रवाल को वह मिल गया जो वह टॉस जीतने के बाद करना चाहते थे। गुजरात टाइटंस ने पंजाब किंग्स को पहले गेंदबाज़ी का आमंत्रण दे दिया।
हार झेलने के बाद ख़ुद गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पांड्या ने बताया कि उन्होंने पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला परिस्थितियों को ध्यान में रख कर नहीं, बल्कि टीम को कठिन परिस्थितियों से अवगत कराने के मद्देनज़र लिया था। पहली बार उन्होंने दिन के मुक़ाबले में पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था। जो कि समझ के परे नहीं थी, लेकिन शाम के मुक़ाबले में पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला कुछ ऐसा था जो कि लोगों को सोचने पर मजबूर कर सकता था।
मैच के बाद स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए हार्दिक ने कहा, “मैं पहले बल्लेबाज़ी करने के हमारे फ़ैसले का समर्थन करता हूं, क्योंकि हम कठिन परिस्थितियों को सामना करना चाहते थे। हम लक्ष्य का पीछा बहुत अच्छे ढंग से कर रहे हैं, लेकिन हम बल्लेबाज़ों को दबाव की स्थिति से अवगत कराना चाहते थे, ताकि किसी बड़े मैच में हमें पहले बल्लेबाज़ी करनी पड़े तब हमें पता हो कि हमें क्या करना है?”
यह वाक़ई जिज्ञासा पैदा करनै योग्य बात है कि टाइटंस इस टूर्नामेंट में पहले बल्लेबाज़ी करने का प्रयोग करने तब गए जब प्ले ऑफ़ में पहुंचने की उनकी स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हुई है। टाइटंस ने दस मुक़ाबलों में से आठ में जीत दर्ज की है। यह आठ जीत भले ही उन्हें प्लेऑफ़ में पहुंचा भी दे, लेकिन सिर्फ़ आठ जीतों के साथ वह अंक तालिका में टॉप दो पर बने नहीं रह सकते।
चूंकि टाइटंस कठिन परिस्थितियों में पहले बल्लेबाज़ी करना चाहते थे, इसलिए सफ़ेद गेंद ने शुरुआत से ही उनके सामने कांटा बदलना शुरु कर दिया। जैसे ही एक बार ओस का पड़ना शुरु हुआ, पंजाब किंग्स के लिए 144 रनों के लक्ष्य का पीछा करना और भी आसान हो गया।
हार्दिक ने कहा, “हम एक प्रयास कर के देखना चाहते थे, हमें पता था कि नई गेंद हरकत कर सकती है। हालांकि हमने नियमित अंतराल में विकेट भी गंवाए और अगर आप विकेट गंवाते रहेंगे तो परिस्थितियों के परे भी बल्लेबाज़ दबाव में आएंगे। हम जिस तरह की शुरुआत चाहते थे वह हमें नहीं मिली, लेकिन ठीक है यह हमारे लिए एक सीख के तौर पर है। हालांकि हमें अपने कंफ़र्ट ज़ोन से बाहर निकलने की भी ज़रूरत है और पहले बल्लेबाज़ी करते हुए उस दबाव को नियंत्रित करने की दरकार है।”
उन्होंने आगे कहा, “जब हम जीत रहे थे तब भी हम इस बात पर चर्चा किया करते थे कि हमें कैसे ख़ुद में सुधार लाना है। हमें इस बात पर ध्यान देना है कि किन क्षेत्रों में हमे सुधार की ज़रूत है। अगले कुछ ही दिनों में हमें अगला मैच खेलना है, हमारे पास ज़्यादा समय नहीं बचा है। हालांकि हमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, हार और जीत खेल का हिस्सा है।”
टाइटंस के अनुभवी बल्लेबाज़ डेविड मिलर के मुताबिक इस मुक़ाबले की सबसे बड़ी सीख यही है कि अगली बार से टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला ही किया जाए। पोस्ट मैच प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मिलर ने कहा, “सामान्यतः हमने पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया होता। शाम के वक़्त कंडीशंस को देखते हुए, ओस को ध्यान में रखते हुए पहले गेंदबाज़ी करना ही सबसे उपयुक्त था। खेल के सभी पहलुओं में चीज़ों को सरल रखने का ही प्रयास किया जाना चाहिए, जैसा कि हमने पिछले नौ मुक़ाबलों में किया भी है, जहां हमने करीबी मुक़ाबलों में जीत दर्ज की है। बल्लेबाज़ अच्छी साझेदारी कर रहे हैं, विकेटों के बीच उम्दा तालमेल दिखा रहे हैं, गेंदबाज़ योजनाओं के बखूबी क्रियान्वित भी कर रहे हैं।”