उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी कहा कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि तंबाकू के बोझ से अवगत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खतरनाक उत्पाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है। केंद्र सरकार मजबूत तंबाकू नियंत्रण कानून लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA) में संशोधन (सीओटीपीए) का प्रस्ताव लाई है। जो दर्शाता है कि तंबाकू की खपत को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने वेबिनार में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने कई तंबाकू-नियंत्रण उपायों को सूचीबद्ध किया है। जिनमें ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया गया और तंबाकू उत्पादों पर बड़ी तस्वीर के साथ चेतावनी भी गई। वेबिनार को लेखक व वरिष्ठ पत्रकार अरुण आनंद ने संचालन किया।
तंबाकू से दुनिया भर में होती हैं सालाना 17.9 मिलियन मौतेंएम्स के पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और रुमेटोलॉजी के एचओडी डॉ उमा कुमार ने तंबाकू और हृदय रोगों (CVD) के बीच संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तंबाकू दुनिया में मौत का प्रमुख कारण है। जो सभी एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) मौतों में से 44 फीसदी या सालाना 17.9 मिलियन मौतों के लिए जिम्मेदार है। तंबाकू का उपयोग और सेकेंड हैंड स्मोक एक्सपोजर दिल के दौरे और स्ट्रोक सहित हृदय रोगों के प्रमुख कारण हैं। दुनिया भर में प्रति वर्ष लगभग 3 मिलियन मौतों में योगदान देता है। अगर सभी राजनीतिक दल, अपनी विचारधाराओं को तोड़ते हुए, प्रगतिशील COTPA संशोधनों पर जल्द से जल्द आम सहमति बना लें, तो हम लाखों युवाओं को हानिकारक तंबाकू उत्पादों के जाल में पड़ने से बचाएंगे। जाने-माने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ शेखर कश्यप ने तंबाकू से जुड़े कई हृदय स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में बात की जैसे परिधीय संवहनी रोग (वाहिकाओं में रोग जो हाथ और पैरों को रक्त की आपूर्ति करते हैं) और पेट की महाधमनी धमनीविस्फार।
उद्योगों के खिलाफ शिकंजा कसने की जरूरतजाने-माने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ शेखर कश्यप ने तंबाकू से जुड़े कई हृदय स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में बात की जैसे परिधीय संवहनी रोग ( (Peripheral Vascular Disease)(Vessels में रोग जो हाथ और पैरों को रक्त की आपूर्ति करते हैं) पर बात की। डॉ शेखर ने तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या पर कहा कि वास्तव में, तंबाकू के उपयोग से उत्पादकता और आर्थिक नुकसान बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि चूंकि उद्योग नए तरीकों से युवाओं को प्रभावित करने के लिए रीयल-टाइम काम कर रहा है, जैसे सिंथेटिक निकोटीन को पेश करना जो कानूनी दायरे से बाहर है। इसलिए COTPA में संशोधन लाकर ऐसे उद्योगों के खिलाफ शिकंजा कसने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नामित धूम्रपान क्षेत्रों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। वास्तव में, ऐसे क्षेत्रों को अनुमति देकर, हम वास्तव में अधिक धूम्रपान को बढ़ावा दे रहे हैं, ऐसा लगता है कि उनका अस्तित्व यह संदेश दे रहा है कि धूम्रपान करना ठीक है। इन जगहों पर प्रतिबंध लगाकर, हम धूम्रपान करने वालों को उनकी आदतों पर अंकुश लगाने में भी मदद करेंगे।