दोनों हाथ गवा चुकी गरीब दिव्यांग बेटी के इन्जीनियर बनने के सपने को साकार करने के लिए समाजसेवी ने लगाई सरकार से गुहार
क्षेत्र के गाँव बोढ़ा में एक हादसे में दोनों हाथ गवा चुकी गरीब दिव्यांग बेटी के इन्जीनियर बनने के सपने को साकार करने के लिए समाजसेवी ने लगाई सरकार से गुहार।
छपरौली: क्षेत्र के गाँव बोढ़ा में एक हादसे में दोनों हाथ गवा चुकी गरीब दिव्यांग बेटी के इन्जीनियर बनने के सपने को साकार करने के लिए समाजसेवी ने लगाई सरकार से गुहार।
6 वर्ष की अवस्था में हेरो की चपेट में आकर दोनों हाथ गवाचुकी क्षेत्र के गाँव बोढ़ा निवासी दिव्यांग बेटी कोमल सुपुत्री मेनपाल 10+पॉलिटेक्निक की पढाई कर चुकी है। अब कोमल बीटेक की पढाई करके इंजीनियर बनना चाहती है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवार इस दिव्यांग बेटी के सपनों को साकार करने में असमर्थ है।
बेटी की आवाज को सरकार तक पहुँचाने के लिए समाजसेवी आर.आर.डी. उपाध्याय ने बोढ़ा पहुँचकर दिव्यांग बेटी कोमल से भेट कर भारत सरकार के गृहमंत्री अमितशाह व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से दिव्यांग बेटी की मुफ्त शिक्षा व आर्थिक सहायता के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए पत्र भेजें।
समाजसेवी आर.आर.डी. उपाध्याय ने कहा जहाँ एक ओर देश में बेटियों को गर्भ में मार देते है। बेटी को जन्म देने पर शादी जैसे पवित्र रिश्तों का गला घोटाले देते है। वही दूसरी और एक पिता सरकार के स्लोगन “बेटी बचाओं-बेटी पढाओं को सार्थक करता है लेकिन बेटी की शिक्षा के सपनों को सार्थक करने में असमर्थ हो जाता है; यह एक विडंबना है। सरकार को बेटियों की मुफ्त शिक्षा व दिव्यांग बच्चों की मदद जैसे वादों को सार्थक करने की आवश्यकता है।