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महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर शिवसेना ने फिर साधा निशाना, जुल्म का जिक्र कर लगाया ये बड़ा आरोप

महाराष्ट्र का सियासी पारा गरमाया हुआ है। इसके साथ ही शिवसेना लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। मुखपत्र के जरिए शिवसेना ने फिर बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है। इस बार महंगाई को लेकर शिवसेना ने भाजपा पर हमला बोला है।

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से शुरू हुआ राजनीतिक घमासान अब तक जारी है। शिवसेना और भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू है। साथ ही शिवसेना अपने मुखपत्र सामना के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। इस बार शिवसेना ने महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा कि गणपति बप्पा देश को ‘निर्भय’ बना दो, देश की जनता की आज आपसे यही दुआ है। उसे स्वीकार करें।

देशभर में कल से गणेश चतुर्थी का आगाज हो गया है। इसी बीच शिवसेना ने भी गणपति बप्पा से प्रार्थना की है। हालांकि शिवसेना ने इस प्रार्थना के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। सामना में शिवसेना ने कहा कि एक तरफ महंगाई और दूसरी तरफ सरकार के जुल्म से देश का दम घुट रहा है। कोरोना संकट भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन उत्पीड़न का संकट अभी भी बना हुआ है।

शिवसेना ने कहा कि गणपति बप्पा आप सुखकर्ता और विघ्नहर्ता हो। शिवसेना ने कहा कि अब दम घुट गया है। सामना में कामना कर कहा कि देश को ‘निर्भय’ बना दो, देश की जनता कि आज आपसे दुआ है। उसे स्वीकार करें। शिवसेना ने सवाल पूछा कि राज्य और देश के सत्ता पर बैठे हिंदू त्योहारों की ‘मुक्ति’ का ढोल पीट रहे हैं, लेकिन क्या वाकई देश में माहौल ‘उदार’ बना हुआ है?

सामना में शिवसेना ने कहा कि सत्ता और जांच एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी दलों, नेताओं, सरकार के आलोचकों को दबाया जा रहा है। राज्यों में गैर-बीजेपी सरकारों को हर संभव तरीके से बर्खास्त किया जा रहा है। केंद्र में सत्ताधारी दल के अध्यक्ष क्षेत्रीय दलों का नामांकन खत्म करने की बात कर रहे हैं।

शिवसेना ने कहा कि देश का लोकतंत्र, उच्च संसदीय परंपरा, स्वतंत्रता, संवैधानिक अधिकार, संविधान की रूपरेखा, राजनीतिक विरोधी सभी सरकारी दमन के कारण दम तोड़ चुके हैं। शिवसेना ने केंद्र से पूछा है कि देश का आम आदमी ‘फ्री’ कहां है? सामना में कहा कि बेरोजगारी और लगातार बढ़ती महंगाई के संकट में भी उनका दम घुट रहा है। नया रोजगार छोड़ दिया जाता है, मौजूदा रोजगार भी खत्म हो रहा है।

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