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अमरनाथ यात्रा के लिए जारी हुई हेल्थ एडवाइजरी? जानें किन बातों का रखना है ख्याल

अमरनाथ यात्रा की शुरुआत जुलाई से होने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। अगर आपने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो श्राइन बोर्ड की साइट पर जाकर कर सकते हैं। यात्रा से जुड़ी हर तरह की जानकारी पहले से ही दे दी गई है। श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर इस यात्रा को लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई हैं। अगर आप भी परिवार के साथ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो एक बार एडवाइजरी देख लें।

स्वास्थ्य को लेकर सलाह

अमरनाथजी की पवित्र गुफा की तीर्थयात्रा में 14,800 फीट की ऊंचाई पर ट्रैकिंग करनी होती है। इस दौरान, यात्रियों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसमें भूख न लगना, मतली, उल्टी, थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिर चकराना, नींद न आना, सही से दिखाई न देना, मानसिक स्थिति में परिवर्तन, सीने में जकड़न, पेट भरा होना, तेज सांस लेना और हार्ट रेट से जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी परेशानियां आती हैं, तो तुरंत पास के किसी डॉक्टर से राब्ता करना जरूरी होता है।

परेशानियों से बचने की तैयारी

अगर यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो पहले से ही इसकी तैयारी शुरू करनी होगी। ऊपर दी गई दिक्कतों से बचना है, तो उसके लिए यात्रा से कम से कम एक महीने पहले हर दिन लगभग 4 से 5 किलोमीटर सुबह-शाम पैदल चलना शुरू कर दें। इसके अलावा, शरीर की ऑक्सीजन को सही बनाए रखने के लिए गहरी व्यायाम और योग शुरू करें। वहीं, आपको पहले से कोई परेशानी है, तो ऊंची जगहों पर जाने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार जरूर मिल लें।

किन बातों का रखें ध्यान?

चढ़ाई करते समय धीरे-धीरे चलें और बीच-बीच में रुकते हुए चलें। अपनी सामान्य क्षमता से अधिक काम करने से बचें। कोई भी दवा लेने से पहले अपने ज़क्टर से एक बार जरूर पूछ लें। निर्जलीकरण और सिरदर्द से निपटने के लिए खूब सारा पानी पिएं। हर दिन लगभग 5 लीटर तरल पदार्थों का सेवन करें। थकान कम करने और लो ब्लड शुगर के स्तर को रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते रहें। इस दौरान, अपने साथ पोर्टेबल ऑक्सीजन जरूर रखें, क्योंकि सांस लेने में परेशानी होने पर यह मददगार साबित होगा।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

अगर आपको ऊंचाई पर जाने से कोई फोबिया है, तो तुरंत नीचे उतर जाएं। इसके लिए कुछ हफ्ते पहले हेल्थ सर्टिफिकेट लेने के बाद अगर आपकी हेल्थ में कोई बदलाव होता है, तो तीर्थयात्रा पर जाने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें। यात्रा के दौरान अगर ऊंचाई पर जाने के बाद दिक्कत होती है, तो रास्ते में मिलने वाले पास के मेडिकल सेंटर पर चले जाएं।

किन चीजों का रखें ख्याल?

इसके अलावा, यात्रियों के पास ऊनी कपड़े भी होने चाहिए, क्योंकि कभी-कभी यहां पर तापमान अचानक 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। अपने पास हमेशा छाता, विंडचीटर, रेनकोट और वाटरप्रूफ जूते रखें। अपने कपड़े और खाने-पीने की चीजें गीले होने से बचाने के लिए उपयुक्त वाटरप्रूफ बैग भी आपके पास होना चाहिए।

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