UP में भ्रष्टाचार पर चलेगा ‘खुफिया’ का हंटर, नपेंगे पुलिसकर्मी
शिकायती पत्र की जांच में गलत रिपोर्ट लगाकर पीड़ितों को दर्द देने वाले व जुगाड़ के बल पर उगाही व अन्य भ्रष्टाचार में लिप्त सालों से जमे पुलिसकर्मियों की अब खैर नहीं।
शिकायती पत्र की जांच में गलत रिपोर्ट लगाकर पीड़ितों को दर्द देने वाले व जुगाड़ के बल पर उगाही व अन्य भ्रष्टाचार में लिप्त सालों से जमे पुलिसकर्मियों की अब खैर नहीं। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद ऐसे पुलिसकर्मियों को सबक सिखाने के लिए प्रदेश की एक विशेष खुफिया विंग (पुलिस) को जिम्मेदारी दी गई है। लोकसभा चुनाव में प्रदेश से खराब प्रदर्शन के बाद हाल ही में मुख्यमंत्री ने अधीनस्थों के साथ बैठक की थी। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि जिलों में पुलिस की तानाशाही बरकरार है। भ्रष्टाचार के चलते पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। जुगाड़ के बल पर कई पुलिसकर्मी सालों से थाना-चौकी में जमें हैं। जो पीड़ितों को न्याय देने की जगह उनसे उगाही करते हैं और निस्तारण की जगह दूसरे पक्ष से सांठगांठ कर शिकायती पत्र को या तो रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं या फर्जी रिपोर्ट लगाकर निस्तारण दिखा देते हैं। उच्चाधिकारी भी वही देखते हैं जो निचला स्तर दिखाता है।