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700 रुपये प्रति हजार की दर से भुगतान कराने की मांग,प्रदेश शासन द्वारा घोषित मजदूरी नहीं दे रहे भट्टा मालिक

ईंट भट्टा कर्मचारी यूनियन ने भट्टा मजदूरों को प्रदेश शासन द्वारा घोषित मजदूरी दर 700 रुपये प्रति हजार ईंट पथाई का भुगतान कराए जाने की मांग की

शामली। ईंट भट्टा कर्मचारी यूनियन ने भट्टा मजदूरों को प्रदेश शासन द्वारा घोषित मजदूरी दर 700 रुपये प्रति हजार ईंट पथाई का भुगतान कराए जाने की मांग की। मजदूरों ने भट्टा मालिकों द्वारा मशीनों द्वारा गारा बनाने के नाम पर 50 से 100 रुपये काटे जाने पर भी आक्रोश जताते हुए डीएम से कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के अनुसार बुधवार को प्रदेश शासन द्वारा घोषित मजदूरी दर 700 रुपये प्रति हजार ईंट पथाई रेट का भुगतान के संबंध में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर यूनियन के महामंत्री बाबूराम कामरेड ने डीएम को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि प्रदेश शासन द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी दर का पालन न होने के कारण मजदूरों का शोषण व उत्पीडन कियाजा रहा है, उन्हें इस महंगाई के कारण अपने परिवार का पालन पोषण करना कठित हो गया है। ऐसी दशा में भट्टा मजदूरों के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ईंट भट्टा कर्मचारी यूनियन ने इस संबंध में सहायक श्रमायुक्त को एक ज्ञापन भी दिया था जिसके संबंध में श्रमायुक्त ने 4 अप्रैल की तारीख नियत की थी लेकिन उस दिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी जिसके बाद 8 अप्रैल और 13 अप्रैल को भी कोई वार्ता नहीं हो पाई जिससे ईंट भट्टा मजदूरों में आक्रोश बना हुआ है। सहायक श्रमायुक्त ने भी आज तक शासनादेशानुसार ईट पथाई की न्यूनतम मजदूरी तय नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भट्टा मालिकों द्वारा जो ईंट भट्टों पर गारा मशीन लगायी गयी वह अपनी सुविधानुसार लगायी गयी है, जबकि भट्टा मालिक सभी मजदूरों से अंकन 50, 70 व 100 रुपये मशीन द्वारा गारा बनाने के नाम पर काट रहे हैं। मजदूरों को उनकी मजदूरी के अनुसार रेट भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने डीएम से जनपद में शासनादेशानुसार ईंट पथाई, निकासी, मलैया आदि सभी भट्टा मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तुरंत लागू करने व गारा बनाने के नाम पर पैसा न काटने की गुहार लगायी है। इस मौके पर सुभाष, मेगराज, विवेक, बिशम्बर, जोगेन्द्र, कुलदीप कुडाना, कमलेश, नरेश आदि भी मौजूद रहे।

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