2 साल के जश्न से पहले सुक्खू कैबिनेट में शामिल हो सकता है नया चेहरा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 2 साल के जश्न से पहले मंत्री के खाली पड़े 1 पद को भरा जा सकता है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 2 साल के जश्न से पहले मंत्री के खाली पड़े 1 पद को भरा जा सकता है। प्रदेश सचिवालय से लेकर ओकओवर तक सोमवार को इस बात की चर्चा रही। मुख्यमंत्री खुद मंत्री पद को भरने के संकेत दे चुके हैं, जिसके लिए हाईकमान की अंतिम अनुमति का इंतजार है। मंत्री पद की दौड़ में एक नाम मुख्यमंत्री के करीबी सीपीएस संजय अवस्थी का नाम भी सामने आ रहा है। हालांकि सियासी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों को अधिमान मिल सकता है।
कांगड़ा जिला से लंबे समय से मंत्री पद एवं मुख्य सचेतक पद के लिए संजय रत्न का नाम आगे आता रहा है। इसके अलावा यदि किसी महिला विधायक को मंत्री बनाने की बात सामने आती है तो उसमें मुख्यमंत्री की पत्नी व देहरा से विधायक कमलेश ठाकुर को स्थान मिल सकता है। कमलेश ठाकुर महिला के साथ-साथ सबसे बड़े सियासी जिला कांगड़ा से विधायक हैं।
मंत्री के 1 और मुख्य सचेतक के 1 पद को भरने के अलावा निगम-बोर्ड में भी कुछ नियुक्तियां होनी हैं, जिसके लिए वायनाड लोकसभा से उपचुनाव लड़ रहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और देश के कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार भी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर दौरे पर रवाना होने से पहले अपने मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसमें उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से संवाद स्थापित करने को कहा है। उन्होंने मंत्रिमंडल सदस्यों के साथ बैठक करके विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूती से सुदृढ़ हुई है, जिसके परिणाम धरातल पर देखने को मिले हैं। प्रदेश सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिर्वतन के ध्येय के साथ शुरू हुई प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की संकल्पना को साकार करने की दिशा में सभी को समावेशी प्रयास करने की आवश्यकता है।