12 अप्रैल को धूमधाम से मनाया जायेगा श्री बालाजी का जन्मोत्सव

मुजफ्फरनगर। सिद्धपीठ श्री बालाजी धाम मंदिर सेवा समिति द्वारा श्री बाला जी जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार को श्री बाला जी धाम मंदिर प्रांगण में मीडिया सेंटर के पत्रकारों से वार्ता करते हुए समिति के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने बताया कि आगामी श्री बालाजी जन्मोत्सव के आयोजन की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होने बताया कि यह पर्व लगातार बारह दिनों तक धूमधाम से मनाया जाएगा। बताया गया कि शोभा यात्रा में उत्तर भारत के 11 प्रमुख बैंड, ढोल-ताशे, आतिशबाजी, फूलों की वर्षा, बाबा खाटूश्याम वाले, क्रेन पर हनुमान जी की झांकी, अनगिनत डीजे और विशेष झांकियां मुख्य आकर्षण का केन्द्र होंगी। समिति के पदाधिकारी भीमसेन कंसल ने बताया कि विभिन्न धार्मिक आयोजन, शोभायात्रा, जागरण और भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। उन्होने बताया कि 12 अप्रैल को सुबह सात बजे श्री बालाजी महाराज का स्वर्ण श्रृंगार दर्शन होगा। इसके बाद 56 भोग और महाआरती के साथ सुबह 9 बजे बाबा स्वर्ण रथ पर विराजमान होकर मंदिर प्रांगण से शहर की यात्रा पर निकलेंगे। ये यात्रा नवीन मंडी स्थल, मुनीम कॉलोनी, जैन कन्या इंटर कॉलेज, बड़ा डाकखाना, गऊशाला रोड, नंदी स्वीट्स, पुरानी गुड़ मंडी रोड, पीठ बाजार, चौड़ी गली, बिंदल बाजार, वकील रोड, बड़ी धर्मशाला चौराहा, भोपा पुल, अंसारी रोड, मोती महल, सर्राफा बाजार, भगत सिंह रोड, शिव चौक, बाला जी चौक, सिविल लाइन थाना, गांधी कॉलोनी, लाल द्वार मंदिर, माता वैष्णो देवी मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर और द्वारकापुरी जैसे परंपरागत मार्गों से गुजरते हुए वापस मंदिर प्रांगण में संपन्न होगी।
श्रीराम चरित मानस महायज्ञ की अमृत वर्षा
तीन अप्रैल से ग्यारह अप्रैल तक रोजाना दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक अंतरराष्ट्रीय कथावाचिका प्राची देवी द्वारा श्रीराम चरित मानस महायज्ञ की अमृत वर्षा होगी। आयोजन की शुरुआत तीन अप्रैल को सुबह नौ बजे भव्य कलश यात्रा से होगी। इसके बाद तेरह अप्रैल को रात में विशाल जागरण का आयोजन होगा, जिसमें भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। चौदह अप्रैल को सुबह आठ बजे श्री बालाजी का संकट मोचन हवन होगा, जो भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए समर्पित रहेगा। चौदह अप्रैल को दोपहर बारह बजे से मंदिर प्रांगण में विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। यह भंडारा आयोजन के समापन का प्रतीक होगा और भक्तों के बीच एकता व भाईचारे का संदेश देगा।
