मथुरा। जनपद में कुबलियापीड़ हाथी वध महोत्सव समिति ने हाथी वध महोत्सव धूमधाम से मनाया। उन्होंने कृष्ण बल्देव की सवारी यमुना के स्वामीघाट से प्रारंभ कर मंडी रामदास होते हुए हाथी वध स्थल पोतरा कुंड तक निकली। यहां पर कृष्ण बल्देव स्वरूपों ने हाथी के प्रतीक का संहार किया। श्रद्धालुओं ने कृष्ण बल्देव की जय जयकार की।
समिति के मार्गदर्शक राज नारायण गौड़ व अध्यक्ष रमाकांत गोस्वामी ने बताया द्वापर युग में मथुरा के राजा कंस ने युद्ध कौशल में प्रवीण कुबलियापीड हाथी को कृष्ण और बलराम के वध के लिए चुना था। इस परोक्ष युद्ध के लिए पहले कृष्ण और बलराम को मथुरा बुलवाया गया और फिर युद्ध हुआ। अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा ने बताया कि कंस ने कुबलियापीड़ हाथी जरासंध से उपहार में पाया था।
इस हाथी की ये खासियत थी कि ये अपने असीम बल से अपने शत्रु को कुचल कर मार देता था। इस उत्सव में राजीव शर्मा, मेला संयोजक अजय सैनी, पंकज शर्मा व अखिल भारत हिन्दू महासभा से प्रदेश मीडिया प्रभारी रजत शर्मा ने बताया कि यह मेला दिव्य और भव्य होता जा रहा है। जिला अध्यक्ष छाया गौतम ने बताया कि कुबलियापीड़ हाथी वध मेला शोभा यात्रा में पहली बार नारी शक्ति के रूप में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। महानगर अध्यक्ष विजयपाल सिंह, महामंत्री चंद्रकांत पांडेय, विधानसभा अध्यक्ष राम प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष विनोद पांडेय, नगर अध्यक्ष मुकेश सिंह, जिला सचिव गिरधर शर्मा, नरेश ठाकुर, युवा जिला अध्यक्ष नीरज गौतम आदि लोग मौजूद रहे।
स्वाभिमान एक प्रयास संस्था की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष अनीता हरियाणा, डॉली, सपना, पूजा रोहिणी सरस्वती आदि महिलाएं शोभायात्रा में मौजूद रहीं।