हरियाणा के कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने दिया जवाब, कहा- दिल्ली को समझौते के अनुसार पानी दे रहा हरियाणा
सरपंचों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरपंचों को 20 लाख रुपये तक काम कराने का अधिकार दिया है, मुख्यमंत्री ने और राशि बढ़ाने की बात की है। सरपंच हमारे साथी हैं, हम लोग मिलजुल कर काम कर रहे हैं।
दिल्ली में पानी की किल्लत के लिए केजरीवाल सरकार हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है।
उनका कहना है कि हरियाणा की ओर से दिल्ली के हक का पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते राजधानी में पानी की समस्या हो रही है। दिल्ली सरकार के आरोपों पर हरियाणा के कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जवाब दिया है।
कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि पानी को लेकर पांच राज्यों के बीच जो समझौता हुआ था उससे भी अधिक पानी दिल्ली को दिया जा रहा है। दिल्ली का पानी का मैनेजमेंट ठीक नहीं है, वहां टैंकर माफिया हैं जिसे सरकार कंट्रोल नहीं कर पा रही है और हरियाणा के ऊपर गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रही है।
वहीं सरपंचों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरपंचों को 20 लाख रुपये तक काम कराने का अधिकार दिया है, मुख्यमंत्री ने और राशि बढ़ाने की बात की है। सरपंच हमारे साथी हैं, हम लोग मिलजुल कर काम कर रहे हैं।
सैलजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर हुए हंगामा पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी पार्टी में अनुशासन नहीं रख सकते, वह देश को कैसे चलाएंगे। विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां साथ थी, लेकिन भाजपा अकेले थी। कांग्रेस ने चुनाव में झूठ बोला, झूठ की गारंटी लिख कर दी। जल्दी ही लोगों को एहसास होगा कि कांग्रेस ने झूठ बोलकर उनके वोट लिए हैं।
हरियाणा सरकार के अल्पमत में होने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष की अपील पर ही फ्लोर टेस्ट होता है। उन्हें अगर लगता है तो वह राज्यपाल के पास जा सकते हैं। अभी चार महीने पहले ही फ्लोर टेस्ट हुआ है, जिसमें हमने बहुमत साबित किया था।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में इस समय पानी की किल्लत है। वैसे तो धान की बुनाई 15 जून से हो सकती है, लेकिन हमने किसानों से अपील की है कि वह अभी धान नहीं लगाएं। बारिश शुरू हो तभी धान लगाएं।
उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा में पोर्टल को लेकर अगर कोई दिक्कत है तो उसमें सुधार किया जाएगा। सारी दुनिया पोर्टल की तरफ चल रही है। अगले कुछ समय में सारे काम घर बैठे होंगे, लेकिन फिर भी जरूरत पड़ी तो पोर्टल में सुधार किया जाएगा, जो दिक्कत है दूर की जाएगी।