गाजा में युद्धविराम की उम्मीद एक बार फिर जगती नजर आ रही है. रमजान के महीने में युद्धविराम की तमाम कोशिशों नकाम हो गई थीं, लेकिन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह इजराइली बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत करने और गाजा में संभावित रूप से युद्धविराम समझौते के लिए चल रही कोशिशों के तहत मिस्र और कतर अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सहमत हुए हैं. इससे पहले नेतन्याहू ने अमेरिका में इजराइली प्रतिनिधिमंडल के दौरे को रद्द कर दिया था. उन्होंने ये तब किया जब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में सीजफायर पर वोटिंग में वीटो पावर का इस्तेमाल करने से मना कर दिया था.
नेतन्याहू ने दोहा और काहिरा में वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए इजराइली खुफिया एजेंसियों शिन बेट और मोसाद की ओर से प्रतिनिधिमंडल भेजने को मंजूरी दे दी. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में तत्काल युद्धविराम का आह्वान करने के बावजूद हमास और इजराइल के बीच संघर्ष जारी है. दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा हैं. पिछली सीजफायर वार्ता नाकाम होने के बाद कतर ने बताया था कि गाजा युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत अभी भी जारी है.
इजराइली पीएम के युद्धविराम को लेकर सहमत न होने पर इजराइल में ही उनके खिलाफ कई प्रदर्शन हुए हैं. बता दें इजराइल ने युद्ध शुरू करने का ऐलान करते हुए कहा था कि ये ऑपरेशन गाजा में हमास को खत्म करने और बंधकों को वापस देश लाने के लिए शुरू किया जा रहा है. लेकिन अभी तक दोनों में से एक भी मिशन को इजराइल पूरा नहीं कर पाया है. न ही सभी बंधक इजराइल वापस आए और न ही हमास को इजराइल सेना गाजा से पूरी तरह खत्म कर पाई है.
हमास के इजराइल पर ऑपरेशन अल-अक्सा लांच करने के बाद इजराइल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है. हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इजराइल सेना के हमलों में करीब 35 हजार लोग मारे गए हैं, जिनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. जबकि हमास के हमले में करीब 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे और 250 के करीब लोगों को बंधक बना लिया गया था.