साइबर जालसाजों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 गिरफ्तार
गुजरात के सूरत जिले में पुलिस ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को 111 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय हस्तांतरित करने के लिए 623 बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गुजरात के सूरत जिले में पुलिस ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को 111 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय हस्तांतरित करने के लिए 623 बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक मुंबई का रहने वाला है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए चार आरोपी एक ऐसे गिरोह का हिस्सा थे, जो साइबर जालसाजों के साथ काम करता था।
उन्होंने बताया कि इन साइबर जालसाजों के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) को अब तक 866 शिकायतें मिली हैं।
अधिकारी ने बताया कि इन अपराधियों के खिलाफ देश भर में 200 प्राथमिकियां दर्ज हैं।
सूरत पुलिस ने जून में साइबर अपराधियों को कमीशन लेकर ठगी का पैसा जमा करने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि उनसे (गिरफ्तार आठ आरोपी) पूछताछ में पता चला कि आठ और लोग भी इस तरह के खाते उपलब्ध कराने में शामिल थे, जिनका इस्तेमाल आम तौर पर साइबर अपराधों की आय को ठिकाने लगाने के लिए किया जाता है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, उनसे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को सूरत शहर के मोटा वराछा इलाके में एक कार्यालय पर छापा मारा और अजय इटालिया, जलपेश नाडियादरा और विशाल थुमर को गिरफ्तार कर लिया।
विज्ञप्ति में बताया गया कि एक अन्य आरोपी हिरेन बरवालिया को मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह दुबई जाने वाली उड़ान में सवार होने की कोशिश कर रहा था। विज्ञप्ति के मुताबिक, चार अन्य आरोपी मिलन वाघेला, केतन वेकारिया, दशरथ डंडालिया और जगदीश अजुदिया अब भी फरार हैं।
अधिकारी ने बताया कि इनमें से वाघेला और अजुदिया फिलहाल दुबई में हैं।