जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार ने गरीबों, वंचितों, किसान एवं मजदूर सहित सभी जरूरतमंद वर्गो के हितों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई, जिससे इन वर्गो के लिए समान भागीदारी के साथ आगे बढ़ने की राह आसान हुई है।
गहलोत सोमवार शाम को बिडला सभागार में महात्मा ज्योतिबा फुले और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के संयुक्त जयंती समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता, थानों में स्वागत कक्ष निर्माण, महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की प्रभावी तफ्तीश के लिए प्रत्येक जिले में विशेष यूनिट के गठन जैसे फैसलों से सबसे ज्यादा राहत गरीब, उपेक्षित एवं वंचित वर्ग को मिली है और उन्हें न्याय मिलना आसान हुआ है। इससे पहले कई बार थानों में उनकी सुनवाई नहीं होने की शिकायत सामने आती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध नियंत्रण की दिशा में सरकार के इन प्रयासों से इस्तगासों के माध्यम से मुकदमा दर्ज होने की संख्या 33.4 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत रह गई है। महिलाओं से संबंधित अपराधों की तफ्तीश का औसत समय 274 दिन से घटकर 79 दिन ही रह गया है। प्रदेश के अधिकतर थानों में स्वागत कक्ष बन चुके हैं। पॉक्सो प्रकरणों में 7 अपराधियों को फांसी और 137 को उम्रकैद की सजा दिलाने में सफलता मिली है।
गहलोत ने समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले एवं बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि इन महापुरूषों का जीवन वंचित वर्ग के उत्थान को समर्पित रहा। समाज के दबे-कुचले वर्गो के अधिकारों के लिए महात्मा फुले और डॉ. अंबेडकर ने अथक संघर्ष किया। इन युगपुरूषों ने नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ लिंग भेद, जाति-प्रथा, धार्मिक आडम्बर जैसी कुरीतियों के खिलाफ सामाजिक चेतना जागृत की।
उन्होंने प्रदेश के एक करोड़ 33 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए चिरंजीवी योजना, गांवों, कस्बों और शहरों में खुल रहे महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल, चिकित्सा संस्थानों में निशुल्क ओपीडी एवं आईपीडी उपचार प्रदान करने वाली महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना जैसी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि इन सबका लाभ उठाने के साथ-साथ जरूरी है कि समाज में शिक्षा को बढ़ावा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन में अंधेरा है। एक शिक्षित व्यक्ति ही शोषण के खिलाफ उसी मजबूती से आवाज उठा सकता है, जैसी कि बरसों पहले महात्मा ज्योतिबा फुले एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर ने उठाई थी।
समारोह को सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजन लाल जाटव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविन्द राम मेघवाल, अंबेडकर पीठ के महानिदेशक मदन गोपाल मेघवाल, जयपुर हैरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर, पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव, पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी तथा अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।