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सत्यजीत रे की ‘अरण्येर दिन रात्रि’ का ‘कान्स’ में हुआ प्रीमियर, दर्शकों ने खड़े होकर किया सम्मान

सत्यजीत रे की मशहूर फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ के ‘4के’ संस्करण की 2025 के कान फिल्म महोत्सव की ‘क्लासिक’ श्रेणी में स्क्रीनिंग की गई और दर्शकों ने खड़े होकर ताली बजाकर फिल्म को सराहा।

सत्यजीत रे की मशहूर फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ के ‘4के’ संस्करण की 2025 के कान फिल्म महोत्सव की ‘क्लासिक’ श्रेणी में स्क्रीनिंग की गई और दर्शकों ने खड़े होकर ताली बजाकर फिल्म को सराहा। वर्ष 1970 में आई इस बांग्ला फिल्म के कलाकारों में शामिल दिग्गज अदाकारा शर्मिला टैगोर और सिमी ग्रेवाल ने सोमवार शाम को फिल्म की स्क्रीनिंग में भाग लिया।

आभूषण डिजाइनर और टैगोर की बेटी सबा पटौदी ने बुधवार को अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद दर्शकों को खड़े हो कर तालियां बजाते हुए देखा गया।

सबा ने वीडियो के साथ लिखा, ‘‘कुछ और…. पल। स्टैंडिंग ओवेशन। जीवन का एक खूबसूरत जश्न। टीम जिसने यह सब संभव बनाया। बधाई हो!’’

सबा पटौदी ने अपनी मां, सिमी ग्रेवाल और फिल्म के ‘गाला प्रजेंटर’ तथा हॉलीवुड फिल्म निर्माता वेस एंडरसन के साथ अपनी तस्वीरें भी साझा कीं, जो रे के बड़े प्रशंसक हैं।

‘अरण्येर दिन रात्रि’ का ‘4के’ संस्करण मार्टिन स्क्रोसेसे की ‘द फिल्म फाउंडेशन’ द्वारा शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर के फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, जेनस फिल्म्स और क्राइटेरियन कलेक्शन के सहयोग से प्रस्तुत और रिस्टोर किया गया है।

अंग्रेजी में ‘डेज एंड नाइट्स इन द फॉरेस्ट’ शीर्षक वाली यह फिल्म अलगाव, वर्ग और आधुनिकता के विषयों की खोजती है। यह चार शहरी पुरुषों की कहानी है जो बेपरवाह तरीके से छुट्टी के लिए पलामू (अब झारखंड में) के जंगलों में जाते हैं। उनका मकसद केवल आत्म-खोज की यात्रा से गुजरने का होता है।

शर्मिला टैगोर इससे पहले 2009 में गाला जूरी के हिस्से के रूप में कान आई थीं। इससे पहले, उनकी 1960 की फिल्म ‘देवी’ कान फिल्मोत्सव के शीर्ष सम्मान पाल्मे डी’ओर के लिए स्पर्धा कर चुकी है। इसका निर्देशन भी सत्यजीत रे ने किया था।

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