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संशोधनों के साथ मेला गुघाल का 62 लाख का बजट पारित

नगर निगम बोर्ड की देर शाम चली बैठक में अनेक मुद्दों पर हुई चर्चा

सहारनपुर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुप्रसिद्ध मेला गुघाल के लिए नगर निगम बोर्ड ने 62 लाख 75 हजार रुपये का अनुमानित व्यय बजट (वर्ष 2023-24) अनेक संशोधनों के साथ पारित किया है।

मेला संयोजक, सह संयोजकों व कार्यक्रम संयोजकों के चयन का अधिकार सर्वसम्मति से महापौर को दिया गया। देर शाम तक चली बोर्ड बैठक में कार्यकारणी की पुष्टि के अलावा सभी 12 प्रस्तावों और पार्षदों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा के बीच महापौर व नगरायुक्त ने पार्षदों द्वारा उठाये गए अनेक मुद्दों के जवाब भी दिए। महापौर ने निर्देश दिए कि सभी विभागाध्यक्षों को यह निर्देशित किया जाऐ कि पार्षदों के पत्रों पर की गयी कार्रवाई से उन्हें समयबद्धता के साथ अवगत कराऐं।

स्व. सेठ गंगा प्रसाद माहेश्वरी सभागार में शुक्रवार को महापौर डॉ. अजय कुमार की अध्यक्षता में नगर निगम बोर्ड की बैठक में लेखाधिकारी राजीव कुशवाह ने मेला गुघाल के लिए 62 लाख 75 हजार रुपये का अनुमानित व्यय बजट (वर्ष 2023-24) प्रस्तुत किया, जिस पर पार्षद मुकेश गक्खड़ व मंसूर बदर ने पारितोषिक व्यय व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बजट बढ़ाने तथा समापन भव्यता के साथ करने का सुझाव दिया। अंततः संशोधनों के साथ बजट पारित किया गया। दल नेता व पार्षद संजय गर्ग ने प्रस्ताव संख्या 12 पर चर्चा करते हुए एक ठेकेदार को भुगतान का मुद्दा उठाते हुए एक कार्य को लेकर अनियमितता का जिक्र किया।

पार्षद राजेंद्र कोहली, नीरज शर्मा आदि ने भी चर्चा में भाग लिया। महापौर ने उक्त भुगतान पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उक्त कार्य का जिन अधिकारियों ने सत्यापन किया, किन परिस्थितियों में किया इसकी भी जांच की जानी चाहिए। नगरायुक्त गज़ल भारद्वाज ने कहा कि उक्त ठेकेदार को हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि माननीय न्यायालय का आदेश था कि इस मामले में कोई कमेटी गठित है तो उसमें जांच तीन माह में पूरा करते हुए भुगतान किया जाऐ। चूंकि पिछली कार्यकारणी के कहने पर कमेटी गठित थी तो उसके क्रम में पचास प्रतिशत भुगतान किया गया है ताकि माननीय न्यायालय के आदेशों की भी अवमानना न हो और यदि कोई कटौती की जानी हो तो बाकि पचास प्रतिशत से की जा सके।

पार्षदों और महापौर ने हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी को लेकर इस बात पर जोर दिया कि लीगल पैनल को मजबूत किया जाऐ। नगरायुक्त ने भी सहमति जताई। नगरायुक्त ने बताया कि जब उक्त ठेकेदार द्वारा निर्माण में अनियमितता का मामला कल उनके संज्ञान में आया तो उसकी जांच कराकर उसके खिलाफ एफआईआर करायी गयी है। उन्होंने कहा कि बिल को वेरीफाई जेई करता है, उसके बाद एई करता है। नगरायुक्त ने बताया कि उसमें जो भी अधिकारी शामिल है उनके खिलाफ चार्जशीट बनाकर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की जा रही है। महापौर ने कहा कि ऐसे विषयों से बचना चाहिए।

उन्होंने छद्म नाम से कंपनी बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई के भी आदेश दिए। स्मार्ट सिटी द्वारा निर्माण कराये गए अम्बाला रोड़ स्थित लक्ष्मीनगर पार्क का नाम स्वामी रामतीर्थ पार्क रखने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसके अलावा श्वान, बिल्ली, खरगोश आदि जानवरों को नियंत्रित करने के लिए नियमावली व उनके रजिस्ट्रेशन शुल्क तथा अवैध डेरियों के विरुद्ध कार्रवाई के प्रस्ताव पर एक समिति बनाकर कार्रवाई निर्धारित करने का निर्णय लिया गया। पार्षद दिग्विजय का कहना था कि डेरियों से मौके पर जुर्माना वसूल किया जाऐ। महापौर डॉ. अजय कुमार ने कहा कि महानगर से पशु डेरियो को बाहर जाना ही चाहिए, उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को भी प्रेरित किया जायेगा।

पार्षद मंसूर बदर ने सभी 70 वार्डो में सड़कों की मरम्मत के लिए कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने मेला गुघाल को भव्य बनाने के लिए मुरादाबाद, आगरा, वाराणसी, रामपुर आदि से वहां मशहूर उत्पादों के साथ दुकानों को मेेले में बुलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कांवड़ शिविर के टेण्डर तथा बेहट रोड़ स्थित कुष्ठ आश्रम के बाहर दुकानों के निर्माण को लेकर भी सवाल उठाए। ज्योति अग्रवाल ने भी दुकानों के मुद्दे को गंभीरता से लेने को कहा। पार्षद दिग्विजय चैहान ने मेले के अलावा भी गोगा महाड़ी पर हाई मास्ट लाईट लगाने तथा पूरे वर्ष प्रकाश व्यवस्था करने का सुझाव दिया।

मयंक गर्ग ने पूर्वांचल संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम भी मेला गुघाल में कराने की मांग की। रामलीलाओं के सवाल पर महापौर ने कहा कि किसी के मन ऐसा भाव नहीं है कि रामलीला मंचन न हो। उन्होंने कहा विकास भी जरुरी है। यह प्रयास किया जायेगा कि जहां रामलीला होती है वहां रामलीला हो, लेकिन सबको मिलकर रास्ता निकालना होगा। पार्षद दीपक रहेजा ने सीवर का कार्य कर रही कम्पनी का ठेका निरस्त कराने की मांग करते हुए कहा कि जब से उक्त कंपनी को ठेका मिला है तब से सीवर चोक पडे़ हैं और ढक्कन भी टूटे पडे़ है, न कम्पनी के पास अपनी लेबर है और न काम करने का तरीका सही है। मनोज प्रजापति ने निगम की सड़कों से गुजरने वाले वाहनों पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया।

रईस अहमद ने ढोलीखाल गली के बाहर से कूड़ाघर हटाने की मांग की। पार्षद अभिषेक अरोड़ा ने सफाई कर्मचारियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गत बोर्ड की कार्यकारणी में 200 सफाई कर्मियों की भर्ती का प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन अभी तक अमल नहीं हुआ है। नगरायुक्त ने कहा कि इसका जल्द समाधान किया जायेगा। उन्होंने कम्पनी बाग के बराबर में नाले के पानी का मुद्दा उठाया तो महापौर ने कहा कि वे स्वयं उस क्षेत्र का निरीक्षण कर समस्या समाधान का प्रयास करेंगे। अभिषेक अरोड़ा ने कम्पनी बाग के बराबर की गलियों का नाम बागेश्वर नगर रखने का भी सुझाव दिया। पार्षद सुधीर पंवार, सुखबीर सिंह, सीमा बहोत, संजीव कर्णवाल, रविसेन जैन, शोपिनपाल, वीरसेन सिद्धू, राजू सिंह, सुलेख चंद, आसिफ, महमूद हसन, स्वराज सिंह व नीरज शर्मा ने भी अपने अपने वार्डो की समस्याओं को उठाया जिन पर महापौर व नगरायुक्त ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। बैठक में निगम के सभी अधिकारी मौजूद रहे। संचालन सदन प्रभारी दिनेश यादव ने किया।

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