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वेस्ट UP के बाद जयंत चौधरी की नजर बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर, विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू

पश्चिमी यूपी में पहले दो चरणों में 16 सीटों पर चुनाव हुए पर इसमें मात्र 9 सीटें भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन जीत पाया, जिसमें दो सीटें RLD की थी और 7 सीटें BJP की थीं।

यूपी में राष्ट्रीय लोक दल ने लोकसभा चुनाव 2024 में भले ही अपने हिस्से की दोनों सीटें जीत लीं। लेकिन RLD-BJP के गठबंधन के बाद भाजपा को उतनी मदद नहीं मिली जितनी अपेक्षित थी। पश्चिमी यूपी में पहले दो चरणों में 16 सीटों पर चुनाव हुए पर इसमें मात्र 9 सीटें भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन जीत पाया, जिसमें दो सीटें RLD की थी और 7 सीटें BJP की थीं।

एनडीए गठबंधन (NDA alliance) को उम्मीद थी कि दोनों दल मिलकर चुनाव में काफी अच्छा प्रर्दशन करेंगे, लेकिन चुनाव नतीजे वैसे नहीं दिखे। चुनाव परिणाम के बाद अब राष्ट्रीय लोक दल समीक्षा के बाद संगठन में कई बदलाव कर सकता है। RLD पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अब अपनी पकड़ बुंदेलखंड और पूर्वांचल में भी मजबूत करना चाहता है।

आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल से आते हैं। इस बार RLD ने पूर्वांचल की देवरिया सीट भी अपने खाते में मांगी थी लेकिन उसको ये सीट नहीं मिल पाई थी। 2024 के चुनाव के परिणाम के बाद एनडीए अलायंस ने गठबंधन धर्म का सम्मान करते हुए जयंत चौधरी को केंद्र में मंत्री भी बना दिया है पर अब इससे RLD की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

2027 विधानसभा चुनाव को लेकर RLD वेस्ट यूपी के साथ-साथ बुंदेलखंड और पूर्वांचल तक अपने संगठन को मजबूत करने के लिए रणनीति बना रही है। अगले महीने जुलाई में रालोद प्रदेश भर में बैठक कर अपने संगठन के विस्तार का भी काम शुरू करने वाली है।

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