वायरल बुखार एवं डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लगाये गये स्वास्थ्य शिविर
स्वास्थ्य कैम्प में मरीजों को दवाई वितरित करने साथ-साथ डेंगू से बचाव की दी जानकारी
सहारनपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संजीव मांगलिक ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि वर्तमान समय में मौसम के परिवर्तन के बाद से लगाकार वायरल बुखार बढ़ता ही जा रहा है। प्रतिदिन ब्लाॅक एवं ब्लाॅक के अन्तर्गत ग्रामों, नगर क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर तथा धनात्मक डेंगू रोगी के आस-पास घरों में ग्राम पंचायत के माध्यम से एन्टीलार्वा का छिड़काव व फाॅगिंग कराई जा रही है। जनपद व ब्लाॅक स्तर पर स्वास्थ्य टीम गठित की गयी है जो कि डेंगू रोगी की सूचना प्राप्त होते ही त्वरित कार्यवाही कर रही है। जनपद एवं ब्लाॅक स्तर पर आज ग्राम रूपड़ी जुनारदार, ग्राम कांकरकुई ब्लाॅक सुनहैटी खड़खड़ी, ग्राम अम्बौली ब्लाॅक नागल, ग्राम मुगल माजरा, ग्राम महरबानी, देवला ब्लाॅक पुंवारका, ग्राम लालवाला ब्लाॅक देवबन्द, ग्राम मोहम्मदपुर गुर्जर, ब्लाॅक गंगोह, ग्राम रणदेवी, साल्लापुर, रणदेवा ब्लाॅक नकुड़, ग्राम कमालपरु ब्लाॅक मु0बाद, ग्राम भावसी ब्लाॅक नानौता, ग्राम सलौनी, पाजबांगर, धौलाहेड़ी ब्लाॅक सरसावा सहारनपुर में स्वास्थ्य कैम्प लगाये गये। जिनमें दवाई वितरित की गयी व रक्त पट्टिकाये बनाई गयी तथा जनमानस को स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद में अभी तक कुल 80 डेंगू पाॅजिटिव पाये गये है। जनमानस से अपील की जाती है कि अपने घर एवं छतों पर पडे़ पुराने टायर, टूटे-फूटे बर्तन इत्यादि जिनमें बरसात का पानी रूका हुआ है को खाली कर दे तथा गमले, कूलर, फ्रिज की ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार खाली करें। इसमें ही डेंगू का लार्वा पैदा होता है। सावधानी ही डेंगू एवं मलेरिया से बचाव है।
मलेरिया/डेंगू के लक्षण होने पर क्या करेंः-तेज बुखार होने पर पैरासीटामोल की गोली ले सकते है। ठण्डे पानी से शरीर को पोछे। डेंगू उपचार के लिये कोई खास दवा अथवा बचाव के लिये कोई वैक्सीन नहीं है। औषधियों का सेवन चिकित्सकों की सलाह से करें। गंभीर मामलों के लक्षण जैसे (खून आना) होने पर चिकित्सालय में तुरन्त सम्पर्क करें। एसप्रीन व स्टीराइड दवाईयों का सेवन कदापि नही करें। डेंगू रोगी को मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य कराये।
ध्यान रखेंः-डेंगू रोग को फैलाने वाला मच्छर शहरी, अर्ध शहरी आबादी वाले मकानों में पाया जाता है, गन्दी नालियों में यह मच्छर नहीं रहता है, यह मच्छर घरों में साफ इक्ट्ठे पानी में अपने अण्डे देता है। घरों के अन्दर ये पानी कूलर, छत पर खुली टंकियाॅ, टीन के खाली डिब्बे, पुराने टायर, गमले, खाली बोतलें, सिस्र्टन, मनी प्लान्ट के गमले आदि में जहां पर पानी अस्थाई रूप से एकत्रित रहता है वहीं पर प्रजनन कर अपनी संख्या बढ़ाता है।