लायन सफारी की शान नौ बच्चों का पिता ‘मनन’ की हालात नाजुक
उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क में एशियाटिक शेरों की शान माने जाने वाले ‘मनन’ शेर की हालात नाजुक हो गई है। उसे कैंसर की आशंका जताई जा रही है।
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क में एशियाटिक शेरों की शान माने जाने वाले ‘मनन’ शेर की हालात नाजुक हो गई है। उसे कैंसर की आशंका जताई जा रही है।
मनन शेर की हालात बिगड़ने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों सपर्क स्थापित कर परीक्षण शुरू कर दिया गया है। कैंसर की आशंका के तहत बायोप्सी रिपोर्ट के मद्देनजर लखनऊ और बरेली नमूना भेजा गया है।
सफारी पार्क के उपनिदेशक अरुण कुमार सिंह ने मनन शेर के बीमार होने की पुष्टि करते हुए शनिवार को यूनीवार्ता को बताया कि मनन की हालत चिंताजनक बनी हुई है, जिसे लेकर सफारी प्रशासन भी चिंतित है। मनन के शरीर पर पिछले काफी दिनों से एक गांठ है और ऐसी आशंका है कि यह कैंसर हो सकता है। इसके लिए उसकी बायोप्सी कराई जा रही है जिसका नमूना भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली को भेज दिया गया है।
शेर मनन को 11 अप्रैल 2014 को गुजरात से इटावा लाया गया था। वर्ष 2018 में मनन के शरीर पर एक गांठ देखी गई थी। इसे लेकर उसकी गांठ की जांच जनवरी 2018 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली में कराई गई थी। इसकी रिपोर्ट भी आ गई थी जिसमें बीमारी बताते हुए ऑपरेशन के लिए सक्षम स्तर से निर्णय लिए जाने की बात कही गई थी।
सिंह ने बताया कि उसके बाद से कोविड का प्रकोप हो जाने के कारण ऑपरेशन नहीं हो सका। अब इस गांठ वाले भाग में कुछ बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही मनन को स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी होने लगी हैं।
उन्होने बताया कि लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। कानपुर प्राणि उद्यान से डा. नासिर इटावा सफारी आए है, जिनकी निगरानी में इलाज चल रहा है। एक बार फिर पैथोलाजिकल जांच के बाद नमूना बायोप्सी की जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली भेजा गया है।
पिता वीर एवं मॉ मयूरी के सन्तान मनन का जन्म 18 फरवरी 2008 को सक्करबाग प्राणि उद्यान, जूनागढ़ (गुजरात) में हुआ था। इटावा में एशियाई बब्बर शेर प्रजनन केंद्र की स्थापना के निर्णयोपरान्त “मनन” को जूनागढ़ से 11 अप्रैल 2014 को इटावा लाया गया था। यहा लाये जाने के बाद जैसिका नामक शेरनी से इसका मिलन 21 जून 2016 से 23 जून 2016 तक हुआ और जैसिका ने गर्भधारण कर पांच अक्टूबर 2016 को दो नर शावको को जन्म दिया, जो बाद में चलकर ‘सिम्बा-सुल्तान’ के नाम से जाने गये।
मनन ने जेसिका के माध्यम से 15 जनवरी 2018 को ‘बाहुबली’, 26 जून 2019 को भरत, रूपा एवं सोना, 15 अप्रैल 2020 को जेनिफर के माध्यम से केसरी तथा 12 दिसम्बर 2020 को जेसिका के माध्यम से“नीरजा एवं गार्गी’ नामक शावकों के प्रजनन में अपना अपूर्व योगदान दिया है।
भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, इज्जत नगर बरेली के डॉ पार्थ सारथी बनर्जी, डॉ के महेन्द्रन तथा डॉ एम करीकलन की एक टीम गठित कर मनन का परीक्षण कराया गया। मथुरा पशु चिकित्सा संस्थान मथुरा तथा डॉ जेम्स स्टील, पशुचिकित्साधिकारी, स्मिथसोनियन जुलोजिकल पार्क, वॉशिंगटन, डीसी आदि विशेषज्ञों की भी राय ली गयी। अपनी राय में विशेषज्ञों ने मनन की गाँठ को शल्य क्रिया के माध्यम से हटाये जाने का सुझाव दिया गया।