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रेलवे ने किए विशेष इंतजाम, इस बार कोहरे में ट्रेन नहीं होगी लेट

सर्दी का दौर शुरू होते ही ट्रेनों का टाइम शेड्यूल अक्सर गड़बड़ा जाता है। इसका कारण यह है कि उत्तर भारत में सर्दी के मौसम में बहुत ज्यादा कोहरा होता है। जिसके कारण ट्रेन की स्पीड कम हो जाती है और ये ट्रेन घंटों तक लेट चलती है।

जयपुर। सर्दी का दौर शुरू होते ही ट्रेनों का टाइम शेड्यूल अक्सर गड़बड़ा जाता है। इसका कारण यह है कि उत्तर भारत में सर्दी के मौसम में बहुत ज्यादा कोहरा होता है। जिसके कारण ट्रेन की स्पीड कम हो जाती है और ये ट्रेन घंटों तक लेट चलती है। लेकिन, इस बार रेलवे ने उन ट्रेक पर विशेष बंदोबस्त किए हैं, जहां पर कोहरे की अधिकता होती है। बता दें कि रेलवे ने सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही उन रूट को चिन्हित कर लिया है, जहां पर कोहरा ज्यादा होने के कारण दृश्यता यानी विजिएबिलिटी कम हो जाती है।

रेलवे की ओर से ऐसे सभी कोहरा प्रभावित स्टेशनों पर विजिएबिलिटी टेस्ट आब्जेक्ट यानी वीटीओएस की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। विजीबिलिटी टेस्ट आब्जेक्ट के उपयोग से स्टेशन पर दृश्यता को जांचा जाता है। इसके साथ ही घने कोहरे वाले रेलवे ट्रेक में चलने वाली सभी रेलसेवाओं के लोको पायलट को फोग सेफ्टी डिवाइस भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 877 फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध है एवं इन सभी में धुन्ध या कोहरे वाले रेलखण्ड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है। जयपुर एवं बीकानेर मण्डल पर प्रायः धुन्ध एवं कोहरे की अधिकता रहती है। इस कारण इन मण्डलों पर अधिक फोग सेफ्टी डिवाइस का प्रयोग किया जाता है। फोग सेफ्टी डिवाइस को इंजन पर लगा दिया जाता है, यह डिवाइस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली की ओर से उस रूट में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलट को पूर्व में ही सूचना मिलती रहती है। जिससे लोको पायलेट अपनी गाड़ी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है।
सेफ्टी सेमीनार भी हो रहे आयोजित 

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि कोहरे वाले रेलखण्डों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही कम तापमान के दौरान वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है। फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रेक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किए जा रहे है।

डेटोनेटर की आपूर्ति पर दिया जा रहा विशेष ध्यान 

कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर यानी पटाखे की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। लोको पायलेट को सिगनल एवं अन्य संकेतकों की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे, इसके लिए संकेतकों पर पुनः पेटिंग की गई है। साथ ही चमकीले साइन बोर्ड तथा संकेतकों के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है। ऐसे ट्रेक पर पेट्रोलिंग को बढ़ाकर निगरानी की जा रही है।

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