रेकी एक प्राचीन भारतीय विद्या है जिसको डॉक्टर एन.के. शर्मा और डॉक्टर सविता आगे बढ़ा रहे हैं – स्वामी चक्रपाणि जी महाराज
बाली सुग्रीव में युद्ध हुआ तो उस समय सुग्रीव को शारीरिक कष्ट होने पर भगवान श्री राम ने स्पर्श चिकित्सा के माध्यम से सुग्रीव के शारीरिक कष्ट को तत्काल समाप्त कर दिया।
नई दिल्ली(रजत शर्मा)। रेकी हीलिंग फाउंडेशन और श्री निकेतन फाउंडेशन न्यूयॉर्क यूएसए द्वारा नई दिल्ली के हिंदी भवन में आयोजित इंटरनेशनल रिकी अवार्ड कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारत हिंदू महासभा /संत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने पूरे विश्व से हजारो आए हुए रेकी मास्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि रेकी एक भारतीय प्राचीन विद्या ही है जो भारत से होते हुए पूरे विश्व में गया। उन्होंने कहा कि जब बाली सुग्रीव में युद्ध हुआ तो उस समय सुग्रीव को शारीरिक कष्ट होने पर भगवान श्री राम ने स्पर्श चिकित्सा के माध्यम से सुग्रीव के शारीरिक कष्ट को तत्काल समाप्त कर दिया। उसे समय स्पर्श चिकित्सा इतना आगे था कि भगवान श्री राम ने अपने पैरों से पत्थर को छूकर अहिल्या को पत्थरों से नारी बना दिया। हमारे भारत में अनेक प्रकार की विद्याएं विराजमान थी स्पर्श चिकित्सा, जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, मंत्र चिकित्सा, अनेक प्रकार लाखो तरीकों से लोगों के शारीरिक और मानसिक कष्ट को दूर करने की विद्याएं थी। जिसके बल पर ही भारत विश्व गुरु था।लेकिन अनेक विदेशिया आक्रांताओं ने अपनी पूरी शक्ति भारतीय विधाओं को नष्ट भ्रष्ट करने में लगा दी मुगलों के बाद जब अंग्रेज आए तो उन्होंने भी भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए मैकाले की शिक्षा पद्धति लागू कर दी और भारतीयों के दिलों दिमाग में अंग्रेजी भरने का काम किया साथ ही भारतीय पर विज्ञान और सूक्ष्म विधाओं पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। लेकिन उससे भी बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति आजादी के बाद की थी कि गोरे अंग्रेज तो चले गए काले अंग्रेजों की सरकार आने के बाद भी भारत में बनने वाली सरकार ने इन विधाओं को आगे बढ़ाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लेकिन भारत से होते हुए वह विद्याएं और विदेश में भी गई जैसे योग पूरे विश्व में फैल गया और योगा हो कर आया। इसी प्रकार से हमारे यहां के विद्याएं विदेश से रेकी बन के भारत में आई और डॉक्टर एनके शर्मा जी और डॉक्टर सविता शर्मा जी के माध्यम से पूरे भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैल गई। आज उसके माध्यम से बहुत लोगों का सफल इलाज हो रहा है। हम इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष डॉ एनके शर्मा जी और डॉक्टर सविता शर्मा जी की प्रशंसा करता हूं कि उन्होंने रेकी समेत अनेक विधाओं को भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रचार प्रसार करने का सफल प्रयास किया और हजारों लाखों लोगों को रेकी मास्टर बनाते हुए लोगों के जीवन में खुशी लाने का कार्य किया। इस निमित्त दोनों लोगों ने अपने पूरे जीवन की आहुति मानव सेवा के लिए कर दिया। यह अत्यंत सराहनीय है, स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने विशिष्ट अतिथि अमेरिका से आई वरिष्ठ समाजसेवी डॉक्टर पूर्णिया ए. देसाई जी को भी उनके कार्यों के लिए बधाई दिया। जो भारतीय संस्कृत विरासत का पूरे अमेरिका में प्रचार प्रसार कर रही है साथ ही विशेष वरिष्ठ अतिथि आर जैन और अतुल अग्रवाल की भी प्रशंसा करते हुए स्वामी जी ने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जीवन समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित किया है, साथ ही संस्था के लिए हमेशा समय निकालते हैं। ऐसे महापुरुषों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है मुख्य अतिथि स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने पूरे विश्व भर से आए हुए रेकी मास्टरों को सम्मानित प्रतीक चिन्ह और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया और संकल्प दिलवाया की आप सभी इस सम्मान के गौरव गरिमा को और आगे बढ़ाएंगे और इसी तरह आप सभी मिलकर लोगों के दुख दर्द को बिना भेदभाव और बिना लोभ लालच के अपना जीवन मानव सेवा में अर्पित करेंगे। इससे आने वाला समय पूरे विश्व के लिए स्वर्णिम होगा आज की सेवा कल का हमें एक उज्जवल भविष्य देता है स्वामी जी ने सभी को उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करते हुए डॉक्टर एनके शर्मा जी और डॉक्टर सविता शर्मा जी को सभी के लिए एक आदर्श और उदाहरण बताया और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनको स्वस्थ रहने और उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना किया कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के वरिष्ठ संचालक डॉक्टर आनंद शर्मा और डॉक्टर गिरजा ने किया तथा कार्यक्रम का स्वागत अध्यक्ष डॉ श्वेता शर्मा ने सभी अतिथियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित रेकी मास्टर को धन्यवाद एवं बधाई दिया। कार्यक्रम में स्वामी चक्रपाणि जी महाराज के शिष्य एवं हिंदू महासभा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय पांडेय और श्रीकांत पांडेय भी मौजूद रहे।