रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरको के महत्व के विषय में किसानों को किया जाये जागरूकः जिलाधिकारी
सहारनपुर। जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चन्द्र ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक क्रियान्वयन हेतू पी0एम0 प्रणाम योजना प्रस्तावित की गयी है, योजनान्तर्गत आगामी वर्षो में रासायनिक उर्वरकों (डी0एपी0, यूरिया एन0पी0के एवं एम0ओ0पी0) के स्थान पर वैकलिप उर्वरकांे यथा नैनो तरल यूरिया/नैनो तरल डी0ए0पी0 सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) एवं सिंगल सुपर फास्फेट को बढ़ावा देने तथा कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरको के उपयोग एवं रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरको के महत्व के विषय में किसान पाठशाला, मेला एवं गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किये जाने के निर्र्देश प्राप्त किये गये हैं।
उक्त के सम्बन्ध में समस्त किसान भाईयों एवं कृषक उत्पादक संगठनों को अवगत कराना है कि कृषि क्षेत्र में असंतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरको का उपयोग किये जाने के कारण मृदा स्वास्थ्य, कृषि उत्पादांे एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
साथ ही भूजल एवं वायु प्रदूषण में वृद्धि होने के कारण पशु, मानव एवं फसलों पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। जिलाधिकारी ने सभी कृषकों से अपील की है कि मृदा परीक्षण के आधार पर वैज्ञानिकों संस्तुतियों के अनुसार फसलों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें तथा यूरिया, डी0ए0पी0, एन0पी0के0 एवं एम0ओ0पी0 के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों यथा नैनो तरल यूरिया/नैनो तरल डी0ए0पी0 सल्फर कोटेड यूरिया एवं सिंगल सुपर फास्फेट, हरी खाद, जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट एवं फसल चक्र को अपनायें तथा जैविक एवं प्राकृतिक खेती की विद्या को अपनाते हुए खेती करें। इससे खेती की लागत में कमी आयेगी तथा मृदा एवं पर्यावरण भी शुद्ध होगा।