राजस्थान कांग्रेस में घमासान: पायलट के विरोध में 92 विधायकों का इस्तीफा, विधायकों की बगावत से नाराज आलाकमान
पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर पहुंचे कांग्रेस महासचिव अजय माकन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, इंतजार करते रहे। उधर, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के सरकारी आवास पर सियासी ड्रामा चलता रहा।
जयपुर. सीएम अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पूर्व ही गहलोत समर्थकों ने आलाकमान को खुली चुनौती दे डाली। पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर पहुंचे कांग्रेस महासचिव अजय माकन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, इंतजार करते रहे। उधर, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के सरकारी आवास पर सियासी ड्रामा चलता रहा।
कुल 92 विधायकों ने इस्तीफा लिख कर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को थमा दिया। इन विधायकों की मांग थी कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने देना चाहिए। चाहे वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाए। विधायकों का कहना था कि जिन लोगों ने सरकार गिराने की साजिश रची थी, उनकी नहीं चलनी चाहिए। जिन्होंने सरकार बचाई, उन्हीं की बात सुनी जानी चाहिए।
एक व्यक्ति, एक पद के नियम को भी उन्होंने इस केस में लागू नहीं करने की बात कही। विधायक दल की बैठक रविवार शाम सात बजे शुरू होनी थी। जब गहलोत समर्थक विधायक सीएमआर नहीं पहुंचे तो बैठक का समय बढ़ा कर साढ़े सात बजे कर दिया गया। इसके बाद,एक बार फिर समय आधा घंटा बढ़ाए जाने की सूचना मिली। रात करीब दस बजे तक गहलोत समर्थक करीब सौ विधायक सीपी जोशी के सरकारी निवास पर थे। जबकि पायलट समर्थक एवं केन्द्रीय पर्यवेक्षक सीएमआर में इंतजार कर रहे थे।
प्रदेश प्रभारी माकन से घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब:
राजस्थान में जिस तरह से कांग्रेस विधायकों ने बगावत की है, उसके बाद कांग्रेस आलाकमान नाराज हो गया है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन से घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की गई है । पर्यवेक्षक माकन व खड़गे दिल्ली जाकर शाम को सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। कहा जा रहा है कि इस्तीफा देने के लिए अग्रिम पंक्ति में दिखाई देने वाले विधायकों पर आलाकमान कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
सिविल लाइन्स पुलिस छावनी बनी:
पूरा सिविल लाइन्स पुलिस छावनी बना रहा। जगह-जगह सादा वर्दीधारी पुलिस तैनात रही। गहलोत व पायलट किसी के समर्थकों को सिविल लाइन्स नहीं पहुंचने दिया गया, केवल मीडिया को ही जाने दिया गया। मुख्यमंत्री निवास के बाहर तो मीडिया को भी नहीं जाने दिया गया। इस दौरान पायलट के घर पर उनके अलावा कोई नहीं था। सायं सात बजे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे गहलोत समर्थक विधायकों को गेट से ही धारीवाल के घर जाने को कहा गया।
8.30 पर सीएमआर पहुंचे पायलट:
पायलट समर्थक करीब 7-8 विधायक सायं सात बजे सीएमआर पहुंचे, करीब आधा घंटे बाद पायलट समर्थक 7-8 विधायक और पहुंचे। करीब 8.30 बजे पायलट सीएमआर पहुंचे। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा पायलट समर्थक विधायकों के बीच ही बैठे रहे। मुख्यमंत्री स्वयं भी करीेब 7.30 बजे मेरियट होटल से सीएमआर पहुंचे। केबिनेट मंत्री व मुख्य सचेतक महेश जोशी व उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने एक-एक गहलोत समर्थक विधायक को फोन कर पांच बजे धारीवाल के घर आने को कहा। विधायकों के पहुंचने पर सायं 6 बजे वहां बैठक शुरु हुई।
सबसे पहले मंत्री गोविन्दराम मेघवाल ने मीडिया को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, गहलोत अभी अध्यक्ष बने नहीं हैं, तो वे सीएम पद से इस्तीफा कैसे दें? वे पांच साल का कार्यकाल पूरा करें, इसीलिए सभी विधायक धारीवाल के घर जमा हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द डोटासरा, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पांच बजे तनोट से जयपुर लौटे और अपने-अपने घर पहुंचे। इसके बाद डोटासरा व खाचरियावास मेरियट होटल पहुंचे, जहां पर्यवेक्षकों को अवगत कराया विधायकों का मन है कि जब तक अध्यक्ष नहीं बनें, तब तक गहलोत ही मुख्यमंत्री बने रहें।