योगी सरकार का सख्त रुख: शत्रु संपत्ति के कब्जों पर बुलडोजर चलेगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कतिपय स्थानों पर अतिक्रमण की भी सूचना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कतिपय स्थानों पर अतिक्रमण की भी सूचना है। शत्रु संपत्ति के कब्जों पर बुलडोजर चलाएं। निर्देश दिए हैं कि सभी शत्रु संपत्तियों की अद्यतन रिपोर्ट तैयार की जाए। इन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए गृह विभाग की निगरानी में प्रदेश व्यापी कार्रवाई शुरू की जाए। शत्रु संपत्ति की सुरक्षा, निगरानी व प्रबंधन के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाए।
मुख्यमंत्री बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ गृह विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि अन्तरराज्यीय, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांवों को वाइब्रेंट बनाने के लिए नियोजित प्रयास करने की जरूरत है। सीमावर्ती गांवों, जनपदों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासतों की बेहतर ब्रांडिंग करते हुए यहां पर्यटन विकास की संभावनाओं को आकार दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों, एनसीसी, एनएसएस के कैडेट, स्वयंसेवकों को इन क्षेत्रों का भ्रमण कराएं। इन क्षेत्रों में रहने वाले सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों / अर्धसैनिक बलों के जवानों को सरहद के सिपाही के रूप में पहचान देते हुए व्यवस्था को सुचारू रखने में सहयोग लिया जाना भी उचित होगा। सीमावर्ती जिलों में केंद्र व राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं का लोगों को 100 फीसदी संतृप्तिकरण सुनिश्चित कराया जाए।
प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करें। इस दृष्टि से संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा। ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यूपीएसएसएफ को और सशक्त और प्रोफेशनल बनाने की जरूरत है।
साइबर अपराध रोकने के लिए टीम गठित करें
सीएम ने निर्देश दिए हैं कि साइबर सिक्योरिटी के महत्व को मद्देनज़र रखते हुए अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की जरूरत है। राज्य स्तर पर संयुक्त साइबर को-कॉर्डिनेशन टीम गठित की जाए। इस टीम में पुलिस विभाग के अलावा साइबर विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए।