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यूपी में बड़ा प्रशासनिक धमाका: 9 आईएएस अफसरों के तबादले, कई दिग्गजों की कुर्सी बदली

उत्तर प्रदेश सरकार ने देर रात बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए राज्य के नौ आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। इस फेरबदल में कई अहम विभागों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है, जिसमें गन्ना विभाग, खाद्य एवं रसद, सहकारी समितियां, पंचायती राज और सिंचाई विभाग जैसे मुख्य क्षेत्र शामिल हैं। इस फेरबदल के तहत सबसे उल्लेखनीय नाम प्रभु एन. सिंह का है, जिन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है। प्रभु एन. सिंह अब तक गन्ना आयुक्त पद पर कार्यरत थे। उनकी जगह प्रमोद कुमार उपाध्याय को नया गन्ना एवं चीनी आयुक्त नियुक्त किया गया है।

मुख्य तबादले इस प्रकार हैं

  • प्रमोद कुमार उपाध्याय – आयुक्त, गन्ना एवं चीनी विभाग
  • प्रभु एन. सिंह – प्रतीक्षारत
  • समीर वर्मा – महानिरीक्षक, निबंधन उत्तर प्रदेश
  • भूपेंद्र चौधरी – आयुक्त, खाद्य एवं रसद विभाग
  • हीरालाल – आयुक्त एवं निबंधक, सहकारी समितियां
  • वैभव श्रीवास्तव – प्रबंध निदेशक, पीसीडीएफ
  • बी. चंद्रकला – सचिव, पंचायती राज विभाग (अतिरिक्त प्रभार: महिला कल्याण विभाग)
  • अमित कुमार सिंह – निदेशक, पंचायती राज विभाग
  • नवीन कुमार जीएस – सचिव, सिंचाई विभाग (अतिरिक्त प्रभार: प्रधानमंत्री कृषि नोडल अधिकारी)
UP IAS Transfer

प्रशासनिक बदलावों का उद्देश्य

सूत्रों के मुताबिक इन तबादलों का मुख्य उद्देश्य शासन व्यवस्था को अधिक कुशल बनाना और जनहित से जुड़ी योजनाओं की गति को तेज करना है। कई विभागों में कामकाज की रफ्तार को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। गन्ना किसानों की समस्याओं को देखते हुए गन्ना विभाग में नेतृत्व परिवर्तन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रमोद कुमार उपाध्याय को इस क्षेत्र में अनुभवी माना जाता है और सरकार उनसे उम्मीद कर रही है कि वे चीनी मिलों और किसानों के बीच संतुलन स्थापित कर सकेंगे। खाद्य एवं रसद विभाग में भूपेंद्र चौधरी की नियुक्ति को पीडीएस प्रणाली में सुधार के रूप में देखा जा रहा है, वहीं बी. चंद्रकला का महिला कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार मिलना दर्शाता है कि सरकार उन पर भरोसा बनाए हुए है।

इस तबादले को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। 2024 के आम चुनावों के बाद अब सरकार 2025 की तैयारियों में जुटी है। ऐसे में कुशल और तेजतर्रार अफसरों को अहम पदों पर लाकर सरकार यह संकेत देना चाहती है कि वह सुशासन के एजेंडे पर कायम है। इन अधिकारियों के आने से जिन-जिन विभागों में बदलाव हुआ है, वहां अब नई नीतियों और कामकाज के तरीके देखने को मिल सकते हैं।

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