यूक्रेन को लेकर अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन स्विट्जरलैंड में आरंभ
सम्मेलन में यूक्रेन से अनाज निर्यात, रूस के कब्जे वाले जापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र कीसम्मेलन में यूक्रेन से अनाज निर्यात, रूस के कब्जे वाले जापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा और कैदियों के आदान-प्रदान सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सुरक्षा और कैदियों के आदान-प्रदान सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
स्विट्जरलैंड में शनिवार से शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन में लगभग 100 देशों के प्रधानमंत्री और अन्य उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठन भी हिस्सा ले रहे हैं।
सम्मेलन में यूक्रेन से अनाज निर्यात, रूस के कब्जे वाले जापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा और कैदियों के आदान-प्रदान सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
यह बैठक यूक्रेन की पहल पर हो रही है और राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और कई नेता इटली में जी7 की बैठक के बाद सीधे यहां पहुंच कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
रूस वर्तमान में यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर अपना कब्जा जमाए हुए है। इसमें क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है, जिसे उसने 2014 में अपने कब्जे में ले लिया था।
सम्मेलन में हिस्सा लेंगे विश्व के नेता
इक्वाडोर, आइवरी कोस्ट, केन्या और सोमालिया के राष्ट्रपति यूक्रेन में शांति की दिशा में पहले कदम की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से इस सप्ताहांत आयोजित होने वाले सम्मेलन में कई पश्चिमी राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों तथा अन्य नेताओं के साथ शामिल होंगे।
सम्मेलन की मेजबानी कर रहे स्विट्जरलैंड अधिकारियों का कहना है कि 50 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष लेक ल्यूसर्न के नजदीक बुग्रेनस्टॉक रिसॉर्ट में होने वाले इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
इस सम्मेलन में शामिल होने वालों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का नाम भी शामिल है। इस सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहेंगे।
शांति सम्मेलन में भारत एकमात्र दक्षिण एशियाई देश
स्विट्जरलैंड के ल्यूसर्न शहर के निकट बुर्गेनस्टॉक रिजॉर्ट में इस सप्ताहांत आयोजित होने वाले यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में भारत भी हिस्सा ले रहा है। आयोजकों द्वारा जारी प्रतिभागी देशों की सूची के अनुसार, भारत एकमात्र दक्षिण एशियाई देश है जो सम्मेलन में हिस्सा ले रहा है।
दुनिया के कुल 90 से अधिक देशों ने शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। इनमें आधे यूरोप से हैं।
संयुक्त राष्ट्र सहित कई संगठन भी सम्मेलन में शामिल होंगे। रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है जबकि चीन और पाकिस्तान अपनी मर्जी से वार्ता में शामिल नहीं होंगे।