यह बाबासाहब को मानने वाले और ‘बाबा’ को मानने वालों के बीच की लड़ाई है : अखिलेश
बाबासाहब को मानने वालों और ‘बाबा’ को मानने वालों के बीच की लड़ाई है। एक तरफ संविधान को बनाने-बचाने वाले हैं, तो दूसरी तरफ संविधान को मिटाने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने से कुछ घंटे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिये बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बाबासाहब को मानने वालों और ‘बाबा’ को मानने वालों के बीच की लड़ाई है। राज्य विधानसभा की नौ सीट के लिए उपचुनाव 20 नवंबर को है, जिसके लिए आज शाम छह बजे प्रचार समाप्त हो जायेगा। अखिलेश यादव ने एक्स पर कहा, यह बाबासाहब को मानने वालों और ‘बाबा’ को मानने वालों के बीच की लड़ाई है। एक तरफ संविधान को बनाने-बचाने वाले हैं, तो दूसरी तरफ संविधान को मिटाने वाले हैं।
उन्होंने कहा, अब तक संविधान ने पीडीए की रक्षा की है, अब पीडीए संविधान की रक्षा करेगा!‘एकता’ का उद्घोष कीजिए। जय संविधान, जय पीडीए! अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक यानी पीडीए का फॉर्मूला दिया था। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज), कुंदरकी (मुरादाबाद) और गाजियाबाद शामिल हैं।
इनमें से आठ सीट इनके मौजूदा विधायकों के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई हैं। सीसामऊ उपचुनाव सपा विधायक इरफान सोलंकी को अयोग्य ठहराए जाने के कारण हो रहा है, जिन्हें एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सीट पर सपा ने कब्जा जमाया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर में जीत हासिल की थी। मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के खाते में गई थी, जो अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भाजपा की सहयोगी है। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है। उसने विपक्षी गठबंधन इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की सहयोगी सपा को समर्थन देने की घोषणा की है।