मैं असम का बेटा हूं और अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिलती है, तो मैं इस्तीफा देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा
केंद्र सरकार ने 11 मार्च को पूरे देश में सीएए लागू कर दिया है. जिस के बाद से ही असम में विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया है. जिस पर असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि जिस किसी भी ऐसे व्यक्ति को नागरिकता मिल गई जिसने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में आवेदन नहीं किया हो तो वो इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे.
मुख्यमंत्री ने शिवसागर में एक कार्यक्रम में शामिल थे जहां उन्होनें कहा- मैं असम का बेटा हूं और अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिलती है, तो मैं इस्तीफा देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. जिस पर राज्य में चल रहे प्रदर्शन पर उन से सवाल पूछा गया कि प्रदर्शनकारियों का दावा है कि सीएए लागू होने के बाद लाखों लोग राज्य में प्रवेश करेंगे. जिस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि अगर ऐसा होता है तो मैं विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएए के बारे में कुछ भी नया नहीं है, क्योंकि यह पहले लागू किया गया था. हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अब पोर्टल पर आवेदन करने का समय आ गया है. पोर्टल पर डेटा अब बोलेगा, और यह स्पष्ट हो जाएगा कि अधिनियम का विरोध करने वालों के दावे तथ्यात्मक रूप से सही हैं या नहीं.
केंद्र सराकर ने सोमवार को पूरे देश में सीएए लागू कर दिया है. जिस के बाद से ही असम में विरोध प्रदर्शन शुरू होगया है. मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की चेतावनी के बावजूद कांग्रेस के नेतृत्व वाले 16 दलीय संयुक्त विपक्ष मंच, असम (यूओएफए) ने मंगलवार को असम में हड़ताल का ऐलान किया है. साथ ही ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित असम के अलग-अलग हिस्सों में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया.
सीएए कानून जारी होने के तहत अब केंद्र सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी. हालांकि इस में सिर्फ उन सभी लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म शामिल हैं.