राजनीति

‘मेरे बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास’, जेड प्लस सुरक्षा मिलने पर शरद पवार हुए हैरान

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा उसके साथ साझा की गई एक खतरा विश्लेषण रिपोर्ट के बाद, पवार की सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को आदेश जारी किए।

केंद्र सरकार ने बुधवार को अनुभवी राजनेता शरद पवार को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा उसके साथ साझा की गई एक खतरा विश्लेषण रिपोर्ट के बाद, पवार की सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को आदेश जारी किए। तदनुसार, सीआरपीएफ जल्द ही 83 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री को उनके आवास पर और देश भर में उनकी यात्रा के दौरान चौबीसों घंटे अपना विशिष्ट ‘जेड’ वीआईपी सुरक्षा कवर प्रदान करेगा।

अब इसी को लेकर शरद पवार की प्रतिक्रिया आई है। शरद पवार ने कहा है कि उन्हें दिया गया जेड-प्लस सुरक्षा कवर उनके बारे में प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने की व्यवस्था हो सकता है क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। अपने लिए सुरक्षा अपग्रेड के बारे में पूछे जाने पर 83 वर्षीय राजनेता ने गुरुवार को नवी मुंबई में मीडिया से कहा कि उन्हें इस कदम के पीछे के कारण की जानकारी नहीं है।

पवार ने कहा कि गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि सरकार ने तीन लोगों को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा देने का फैसला किया है और मैं उनमें से एक हूं… अन्य दो लोग राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं।’ उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिए यह मेरे बारे में प्रामाणिक जानकारी हासिल करने का जरिया हो सकता है। पवार की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 55 सशस्त्र कर्मियों के एक इज को नियुक्त किया गया है।

वीआईपी सुरक्षा का वर्गीकरण ‘जेड प्लस’ (सर्वोच्च) से शुरू होता है, उसके बाद ‘जेड’, ‘वाई प्लस’, ‘वाई’ और ‘एक्स’ आते हैं। शरद पवार की राकांपा (सपा) विपक्षी दल महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए 48 में से 30 सीटें जीतीं। भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को केवल 17 सीटों से संघर्ष करना पड़ा। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।

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