मेरठ

मृतक फरहाना थी सात महीने की गर्भवती, उसके साथ ही मलबे में दफन हो गई 11वीं जिंदगी

फरहाना के साथ ही दुनिया में आने से पहले उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी 11वीं मौत हो गई। हादसे में मरने वाले सभी लोगों का कल अंतिम संस्कार कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश में मेरठ की जाकिर कॉलोनी में तीन मंजिला मकान गिरने की घटना में प्रशासन मुताबिक 10 लोगों की मौत हुई है। लेकिन, नफ्फो के पुत्र नदीम की पत्नी फरहाना सात माह की गर्भवती थी। फरहाना के साथ ही दुनिया में आने से पहले उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी 11वीं मौत हो गई। हादसे में मरने वाले सभी लोगों का कल अंतिम संस्कार कर दिया गया। सभी मृतकों का जनाज़ा जिस वक्त कब्रिस्तान की तरफ चला तभी हजारों की तादाद में भीड़ नम आंखों से मृतकों को आखिरी विदाई देने आई।

बता दें कि नदीम की पत्नी फरहाना सात माह की गर्भवती थी। फरहाना के साथ दुनिया में आने से पहले ही गर्भ में पल रहे बच्चे की भी हादसे में 11 वीं मौत हुई। फरहाना करीब दो माह बाद मां बनने वाली थी। इसे लेकर परिवार के सभी सदस्य काफी खुश थे। नदीम और फरहाना ने बच्चे को लेकर कई सपने संजो रखे थे। किसी को इस बात का अंदेशा नहीं था कि कुदरत का कहर परिवार पर इस कदर टूटेगा कि गर्भ में पल रहा यह बच्चा जन्म से पहले ही जान गंवा देगा। फरहाना को हादसे के करीब साढ़े 14 घंटे बाद रविवार सुबह चार बजे मलबे के नीचे से निकाला गया। तब तक उसकी और गर्भस्थ शिशु की मौत हो चुकी थी।

घटना में मारे गए व्यक्तियों में नफो उर्फ नफीसा (65), पुत्र साजिद (40),साईमा (35), सानिया (15), शाकिब (12), फरहाना (27), अलीसा (25),रिया (10),हिमसा (छह माह) और सैफियान (सात) शामिल है। घायलों का लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। वहीं. हादसे में घायल बालक सूफियान को रविवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। उसके घर पहुंचते ही परिजन उसे गले लगाकर रोने लगे। उधर, निजी अस्पताल में भर्ती सायमा की हालत में सुधार बताया जा रहा है। पीड़ित परिवार को प्रति मृतक चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता और मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त होने के कारण 1.20 लाख रुपये दिए जाने की कार्रवाई भी की जा रही है।

 

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