मा0 सदस्य जज, एनजीटी डाॅ. अफरोज अहमद ने की बैठक : नगर निकाय और ग्राम पंचायतों में सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की जाऐ
प्लास्टिक बैन आदेश पर प्रभावी कार्यवाही की जाएःडाॅ. अफरोज अहमद
सहारनपुर। पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक नागरिक का प्रमुख कर्तव्य है। विकास कार्यक्रमों के साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उपाय करने होंगे ताकि नयी पीढ़ी को हम स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण दे सकें। उक्त विचार मा0 सदस्य जज, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) प्रिंसिपल ब्रान्च, नई दिल्ली डा0 अफरोज अहमद ने व्यक्त किए। वह सर्किट हाउस स्थित सभागार में अधिकारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा समय-समय पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आदेश जारी किए जाते हैं। नदी प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण करने वालों के विरूद्ध जुर्माना भी लगाया जाता है। स्थानीय प्रशासन आदेशों के अनुरूप अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सबसे पहले नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए और इसके संरक्षण के उपायों पर समय-समय पर उनसे चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि नदी में किसी प्रकार का विषैला पदार्थ न छोड़ा जाऐ। नगर निकाय और ग्राम पंचायतों में सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की जाऐ। प्लास्टिक बैन आदेश पर प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि शहर में बायोमेडिकल, इलेक्ट्रोनिक्स वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी व्यवस्था कराई जाए। बड़े जलाशयों को चिन्हित करके वेटलैण्ड घोषित कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक एवं आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। एनजीटी द्वारा कम्युनिटी रेडियो को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि लोगों को स्थानीय भाषा में पर्यावरण एवं अन्य जानकारी दी जा सकें। मा0 सदस्य ने निर्देश दिया कि वन विभाग सामाजिक वानिकी के अतिरिक्त कृषि वानिकी को भी बढ़ावा दें। कृषि विज्ञान केन्द्रों से समन्वय करके पर्यावरण संरक्षण के उपायों को अमल में लाया जाये। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट अलग करके वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जाऐ। प्लास्टिक बैन होने की दशा में कागज के लिफाफे एवं डिब्बे को बढ़ावा दिया जाऐ। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में पेड़-पौधों की नर्सरी स्थापित कराई जाऐ। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने स्वलिखित एवं राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा अमृत लाल नागर पुरस्कार प्राप्त पुस्तक “काल प्रेरणा“ तथा कर्म निर्णय मा0 सदस्य जज, एनजीटी प्रिंसिपल ब्रांच, नई दिल्ली डॉ0 अफरोज अहमद जी को भेंट की। जिस पर माननीय जज द्वारा जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के साहित्यिक प्रयासों की सराहना की गई। उन्होंने पुस्तक प्राप्त कर कहा कि आपकी पुस्तक मैं जरूर पढ़ूंगा। उन्होंने जिलाधिकारी की जीवनशैली एवं कार्यशैली की सराहना करते हुए अन्य अधिकारियों को उनसे प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने जनपद में किए जा रहे विकास कार्यों के लिए भी जिलाधिकारी की प्रशंसा की। समीक्षा बैठक में शहर से जनहित होने वाले नगरीय ठोस अपशिष्ट के बारे में विचार-विमर्श के दौरान नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि शहर में 320 टन कूड़ा प्रतिदिन जनित होता है जिसके लिए एमआरएफ सेंटर वर्तमान में संचालित है। उनसे जनित होने वाले प्लास्टिक को सैरीगेट करके ऑथराइज्ड सेंटर गाजियाबाद भेज दिया जाता है। सॉलिड वेस्ट के निस्तारण के लिए इंटीग्रेटेड प्लांट के लिए डीपीआर शासन को भेज दिया गया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद शीघ्र इंटीग्रेटेड प्लांट की स्थापना की जाएगी। शहर में जनित होने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के संबंध में बताया गया कि जनपद में 904 इकाईयां है। जनपद में प्रतिदिन 1336 किलो ग्राम बायो मेडिकल वेस्ट जनित होता है। जिसका निस्तारण कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट सामूहिक जैव चिकित्सा अवशिष्ट संस्था मैसर्स सिनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाता है। अन्य बिंदु पर चर्चा करते हुए शहर के वायु गुणवत्ता के बारे में पूछा गया इसके बारे में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी द्वारा बताया गया कि शहर की वायु की गुणवत्ता मॉडरेट श्रेणी में चल रही है जो काफी अच्छी स्थिति में है। गुणवत्ता के लिए दो मैन्युअल स्टेशन जिसमंे से एक घंटाघर तथा एक आईआईटी रुड़की कैम्पस में लगा हुआ है। जिस पर माननीय जिला जज ने शहर की वायु की गुणवत्ता की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली के सापेक्ष यहां पर उन्हें काफी बेहतर महसूस हो रहा है। शहर से जनित होने वाला सीवेज के संबंध में चर्चा करते हुए के संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकार द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान समय में 38 एमएलडी का सीवेज प्लांट स्थापित है तथा 135 एमएलडी का सीवेज प्लांट प्रस्तावित है। शहर से जनित होने वाले ई-वेस्ट के बारे में जानकारी प्राप्त जिस पर क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में जनित होने वाले ई-वेस्ट का निस्तारण रिसाईकल कम्पनियों द्वारा नियमित रूप से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। इसमें सहभागिता निभाते हुए पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हुए जनपद को और बेहतर बनाएंे। बैठक के अन्त में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने मा0 सदस्य को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गये निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन कराया जाएगा। इस अवसर पर डीएफओ शुभम सिंह, नगर आयुक्त संजय चैहान, एडीएम वित्त एवं राजस्व रजनीश कुमार मिश्र, सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार, आरओ प्रदूषण योगेंद्र कुमार सिंह सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।