महिला से बदसलूकी करने के आरोप में दरोगा निलंबित
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अपहरण के आरोपी युवक की तलाश के दौरान एक दरोगा द्वारा आरोपी की मां के साथ बदसलूकी करने पर जिले के पुलिस अधीक्षक ने उस दरोगा को निलंबित कर दिया है।
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अपहरण के आरोपी युवक की तलाश के दौरान एक दरोगा द्वारा आरोपी की मां के साथ बदसलूकी करने पर जिले के पुलिस अधीक्षक ने उस दरोगा को निलंबित कर दिया है।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि जिले के अहिरौली बाजार थाना क्षेत्र के असना गांव में अपहरण के आरोपी युवक की तलाश में पहुंचे दरोगा ने आरोपी की मां के साथ बदसलूकी की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने दरोगा सुनील सिंह को निलंबित कर दिया। जायसवाल ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जा रही है।
असना निवासी एक महिला ने बताया कि उसका बेटा फरवरी माह में किसी बात से नाराज होकर घर से कहीं चला गया था। इसके कुछ दिनों बाद गांव की लड़की भी लापता हो गई। महिला का कहना है कि लड़की के घरवालों ने उसके बेटे पर अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। मामले की विवेचना कर रहे दरोगा सुनील सिंह एक सितंबर को जांच करने महिला के घर पहुंच कर उसके बेटे के बारे में जानकारी लेने लगे। महिला ने कहा कि उसके डांटने से बेटा नाराज होकर घर से चला गया है। इसी बात को सुनकर दरोगा नाराज हो गए। उन्होंने महिला को अपशब्द कहना शुरू कर दिया। वह गुस्से में पूरे परिवार को ठीक करने की धमकी देकर चले गए। महिला के साथ दरोगा के बदसलूकी करने का वीडियो किसी ने बना लिया।
शनिवार से यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। पुलिस का कहना है कि वीडियो अप्रैल माह का है, जबकि पीड़ित महिला लोगों को बता रही है कि एक सितंबर को दरोगा उसके घर पहुंचे थे। रविवार को वीडियो वायरल होने पर मामला एसपी के संज्ञान में आया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने दरोगा को निलंबित कर दिया।
इस संबंध में अहिरौली एसएचओ पंकज कुमार गुप्ता ने कहा कि अप्रैल में दरोगा जांच करने महिला के घर गए थे। युवक पर अपहरण का मुकदमा दर्ज है। उसकी तलाश की जा रही है।
वहीं, जायसवाल ने बताया कि वीडियो के आधार पर दरोगा के खिलाफ कार्रवाई हुई है। दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण के विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह वीडियो पुराना है, जो अब सामने आया है। जायसवाल ने कहा कि यहां मुख्य मुद्दा वारदात के समय का नहीं है बल्कि एक महिला के साथ बदसलूकी का है। इसलिये किसी के साथ बदसलूकी का मामला पाए जाने पर पुलिसकर्मी बख्शे नहीं जाएंगे।