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महिलाओं के उत्पीड़न के आरोपितों पर कार्रवाई की मांग
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने व जमीनों को कब्जा मुक्त कराने की मांग सामाजिक समरसता मंच ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
शामली। सामाजिक समरता मंच ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में अनुसूचित जाति, जनजाति की महिलाओं के उत्पीडन के आरोपितों को संरक्षण प्रदान करने वालों के खिलाफ कडी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस संबंध में मंच के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपा।जानकारी के अनुसार सोमवार को सामाजिक समरसता मंच के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में अनुसूचित जाति, जनजाति महिलाओं के उत्पीड़न के आरोपितों को संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख व उनके गुंडों द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों जिनमें महिलाएं व बालिकाएं भी शामिल हैं, पर कई सालों से अत्याचार व अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। शाहजहां शेख व उसके गुंडों द्वारा गरीब लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया है, साथ ही क्षेत्र की बहुमूल्य संपदा की भी चोरी की जा रही है। तृणमूल कांग्रेस के नेता व उसके गुंडे घर-घर से महिलाओं तथा युवतियों को उठाकर उन्हें अपने कार्यालय में बंधक बनाकर शारीरिक शोषण व अत्याचार करते हैं। इन अत्याचारों के खिलाफ स्थानीय महिलाओं व बालिकाओं ने विरोध जुलूस निकालकर आरोपितों के खिलाफ जिला प्रशासन व शासन स्तर तक शिकायत की थी लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी मौके का दौरा किया था तथा घटनाओं पर गहरा दुःख व आक्रोश जताया। मंच के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति से एक उच्च स्तरीय राष्ट्रीय जांच दल का गठन कर संदेशखाली का भ्रमण व दौरा कराए जाने, दोषियों व उनके संरक्षणदाताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने, अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने, पीड़ितों को उनकी भूमि वापस दिलाए जाने की भी मांग की। इस मौके पर दीपक कुमार गुप्ता, संदीप, सरस्वती मलिक, दीपक, आशू नामदेव, पुनीत द्विवेदी, सुनीता पाल, अंजली गर्ग, मोनिका, मीना पाल, दीपक चौहान, ओमकार दास आदि भी मौजूद रहे।