मवाना थाने में नए कानून को लेकर जानकारी देने के लिए पुलिस क्षेत्र अधिकारी सौरभ सिंह, थाना अध्यक्ष सुभाष सिंह के द्वारा जानकारी दी गई
जहां देशभर में तीन नए कानून BNSS*BNS और BSA लागू किये जाने के चलते मवाना नगर थाना कोतवाली पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया
मवाना(संवादाता आरके विश्वकर्मा)। जहां देशभर में तीन नए कानून BNSS*BNS और BSA लागू किये जाने के चलते मवाना नगर थाना कोतवाली पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया संगोष्ठी में नगर के बुद्धिजीवी समाजसेवी अधिवक्ता सभासद व्यापारी तथा समस्त थाना पुलिस स्टाफ आदि सभी शामिल हुए। इस दौरान क्षेत्राधिकारी सौरभ सिंह तथा थाना प्रभारी सुभाष सिंह ने तीन नए कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी। क्षेत्राधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि इन तीन नए कानूनों के लागू होने के बाद आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और ब्रिटिश काल से कानूनों की विदाई हो जाएगी। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। नए कानून लागू होने के बाद आम लोगों के पास पुलिस की पहुंच आसान होगी तथा पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा।भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ने भारतीय दंड संहिता की जगह ली है. इसके तहत कई बड़े और अहम बदलाव किए गए है. भारतीय दंड संहिता में 484 धाराएं थी, जबकि एक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में धाराओं की संख्या 531 तक पहुंच गई है. इसके साथ ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में किसी भी अपराध की अधिकतम सजा काट चुके कैदी को प्राइवेट बॉन्ड पर रिहा करने की व्यवस्था की गई है। नए कानून में एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि कोई भी नागरिक किसी भी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेगा. इसके बाद मामले को 15 दिनों के भीतर मूल ज्यूरिडिक्शन यानी जहां अपराध हुआ है, वहां ट्रांसफर करना होगा। वही FIR दर्ज करने के 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर करनी जरूरी होगी और चार्जशीट दायर होने के 60 दिनों के भीतर अदालत को आरोप तय करने होंगे. इसके अलावा किसी भी केस की सुनवाई के 30 दिनों के भीतर अदालत को फैसला देना होगा और फैसले की कॉपी सात दिनों के अंदर उपलब्ध करानी होगी। किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लेने के बाद पुलिस को उसके परिजनों को ऑनलाइन, ऑफलाइन या लिखित सूचना देनी होगी. वहीं महिलाओं के मामले में यदि कोई महिला सिपाही थाने में है तो उसकी मौजूदगी में ही पीड़ित महिला का बयान दर्ज करना होगा. इसके अलावा ट्रायल के दौरान गवाहों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी दर्ज किए जा सकेंगे. सबसे खास बात यह है कि वर्ष 2027 से पहले देश के सारे कोर्ट कंप्यूटरीकृत कर दिए जाएंगे।
डॉ सुभाष गाबा जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, डॉक्टर फ्राईम, सुधा चौहान भाजपा नेत्री रतन चौहान विश्व हिंदू परिषद विकास कश्यप बजरंग दल बबलू यादव अमीर आजम भरा सभासद मुकेश प्रधान मुबारकपुर मुकुल रस्तोगी मनीष गौतम ओमपाल सभासद मुकेश रानी एडवोकेट सभासद कमल त्यागी अजय चौहान कमल सिंह चौहान रियाजुद्दीन आदेश एडवोकेट पंकज सुंदर कमल सिंह चौहान चंदन
नगर अध्यक्ष आरएलडी मिदा आदि नगर के सैकड़ो की संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।