मेरठ। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा0 रेनू ने बताया कि आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान धनवन्तरी की स्मृति में प्रतिवर्ष धनतेरस पर्व को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिनांक 10 नवम्बर 2023 को अष्टम आयुर्वेद दिवस आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। भारत सरकार आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली के दिशा-निर्देशानुसार इस धनतेरस पर्व के अवसर पर हर दिन हर किसी के लिए आयुर्वेद को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए एक अभियान चलाकर इसे सफल बनाया जाना है। इसके अन्तर्गत जनपद में संचलित समस्त राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के आस-पास जन-मानस एवं प्राथमिक विद्यालयों में आयुर्वेद जागरुकता अभियान एवं नुक्कड नाटक, सेल्फी पाइंट आयुर्वेद के उपयोग के सम्बन्ध में कैम्प स्थानीय एवं राष्ट्रीय समाचार पत्रों में लेख आदि का प्रकाशन करना है। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में एक जनपद स्तरीय समिति का गठन किया गया है जिसमें सदस्यों के साथ-साथ क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी, मेरठ नोडल अधिकारी/सदस्य सचिव होगे।
आयुर्वेद दिवस के माध्यम से छात्र छात्रों के मध्य आयुर्वेद के प्रति जागरूकता हेतु प्रचार-प्रसार कराया जाना है विद्यालयों में आयुर्वेद सम्बन्धी औषधीय उपवन विकसित किये जाने, चित्रकारी प्रतियोगिता एवं विभिन्न नवाचारों पर प्रतियोगिता, इत्यादि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। प्रदेश के किसानों के मध्य राष्ट्रीय पादप बोर्ड द्वारा विकसित 110 प्रकार के औषधीय पौधो की खेती विषयक विशेष सूचनाओ का प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा। औषधीय पौधों की खेती, हर्बल फीट नियंत्रण की आयुर्वेदिक विधियों के बारे में भी किसानो को जागरूक किया जायेगा। कृषको को औषधीय पौधों की जानकारी ब्रोशर/पम्प्लेट/सूचना सामग्री से दी जायेगी। आयुर्वेद दिवस पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता यथा कला, आयुर्वेदिक रेसिपी, स्लोगन, पोस्टर, आर्ट फिल्म, कार्टून एवं स्टोरी मॅकिंग आदि का आयोजन किया जायेगा।
जनपद स्तर पर अधिकतम भागीदारी के लिए विद्यालयों के मध्य इसका प्रचार प्रसार प्रिन्ट, सोशल मीडिया एवं अन्य जन संचार माध्यम मे सुनिश्चित किया जायेगा व स्थानीय सामाजिक संगठनों यथा लायन्स क्लब, रोटरी क्लब, एवं रेड क्रास आदि को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जायेगा।