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‘भारत का धर्मनिरपेक्ष ढांचा खतरे में, नीतीश और नायडू को सबक सिखाना जरूरी’, वक्फ एक्ट के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन

लखनऊ में शुक्रवार की नमाज के बाद आसिफी मस्जिद में शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद के नेतृत्व में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। उन्होंने सऊदी अरब के मदीना में जन्नतुल बकी के पवित्र कब्रिस्तान को ध्वस्त करने का भी विरोध किया और मांग की कि इसे फिर से बनाया जाए। शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने कहा कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के चेहरे से नकाब उतर गया है। वे नकली धर्मनिरपेक्षतावादी हैं। वे सभी आरएसएस में शामिल हो गए हैं। उन्हें सबक सिखाना जरूरी है।

मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने आगे कहा कि भारत का धर्मनिरपेक्ष ढांचा खतरे में है। धर्मनिरपेक्ष लोगों, जिसमें मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों शामिल हैं, को इसके खिलाफ उठ खड़ा होना होगा। अभी मुसलमान निशाने पर हैं लेकिन दूसरा निशाना दलित हैं। दूसरी ओर वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के पारित होने के खिलाफ श्रीनगर में शुक्रवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विरोध मार्च को पुलिस ने रोक दिया, पार्टी कार्यालय पर अवरोधक लगा दिए गए और प्रदर्शनकारियों को परिसर के अंदर ही रोक दिया। पार्टी महासचिव खुर्शीद आलम के नेतृत्व में पीडीपी के अनेक कार्यकर्ता इस अधिनियम के पारित होने के विरोध में यहां शेर-ए-कश्मीर पार्क के समीप पार्टी मुख्यालय पर एकत्र हुए। यह अधिनियम पिछले सप्ताह पारित हुआ था।

पीडीपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से बाहर निकलकर शहर के केंद्र की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस कर्मियों के एक दल ने उन्हें कार्यालय से बाहर जाने से रोक दिया। पुलिस ने गेट पर अवरोधक लगा दिए, जिससे प्रदर्शनकारियों को वहीं रोक दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिनपर ‘हम वक्फ विधेयक को अस्वीकार करते हैं’ और ‘नेकां (नेशनल कॉन्फ्रेंस) की चुप्पी आपराधिक है’ जैसे संदेश लिखे हुए थे।

 

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