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भक्तांबर स्त्रोत पाठ करने से सारे कष्टों का हो जाता है निवारणः पं0 विजय

नकुड़। श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में भक्तांबर स्त्रोत विधान पाठ विधि विधान एवम पूजा अर्चना के साथ किया गया। भक्तांबर विधान पाठ के पश्चात चार अनयोगों (ग्रंथो) की स्थापना चंद्रप्रभु चैतालय में की गई। श्रावण शुक्ल तीज के अवसर पर पंडित विजय कुमार जैन द्वारा भक्तांबर स्त्रोत विधान पाठ का आयोजन विधि विधान एवम पूजा अर्चना के साथ किया गया। पंडित विजय कुमार जैन ने बताया कि भक्तांबर स्त्रोत के पाठ करने से आत्मा की उपलब्धि होकर सारे कष्टों का निवारण हो जाता है।

स्वाध्याय मंडल से श्रीमती नीलम जैन, मुकेश जैन व मनोज जैन ने बताया कि श्रावण शुक्ल तीज पर भक्तांबर स्तोत्र पाठ करने का विशेष महत्व होने के कारण श्री ऋषभदेव की 48 कड़ो में  मानतुंग आचार्य ने स्तुति करते हुए मंगल पाठ संपन्न कराया है। भक्तामर स्तोत्र पाठ के पश्चात चारों ग्रंथों की स्थापना चंद्रप्रभु चैतालय में करने के पश्चात मिष्ठान वितरण किया गया। भक्तांबर विधान में जैन मिलन, महिला जैन मिलन एवं जैन समाज के सैकड़ों धर्मावलंबियों ने भाग लिया।

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