सरधना (मेरठ)। महात्मा गाँधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विधार्थियों ने विचार गोष्टी में बढ़-चढ़कर भाग लिया। विधार्थियों ने गाँधी जी के जन्म पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को स्वतंत्रता दिलाने में अहम योगदान दिया । भारत में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन के एक कार्यकर्ता लाल बहादुर शास्त्री थोड़े समय के लिए जेल गए थे। रिहा होने पर उन्होंने एक राष्ट्रवादी विश्वविद्यालय काशी विद्यापीठ (वर्तमान में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ) में अध्ययन किया और स्नातकोत्तर शास्त्री (शास्त्रों का विद्वान) की उपाधि पाई। संस्कृत भाषा में स्नातक स्तर तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे भारत सेवक संघ से जुड़ गए और देशसेवा का व्रत लेते हुए यहीं से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की।
कॉलेज प्रबंधन क्रमण दीप चौधरी ने बच्चों को बताया कि शास्त्री जी सच्चे गांधीवादी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया और उसे गरीबों की सेवा में लगाया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व आंदोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही और उसके परिणामस्वरूप उन्हें कई बार जेलों में भी रहना पड़ा। स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन उल्लेखनीय हैं। विद्यालय प्रबंधक रमनदीप चौधरी ने विधार्थियों को श्रम दान करने तथा स्वच्छता अभियान चलाने के लिए शपथ दिलाई। साथ ही वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्या सायरा अहमद, अरविन्द कुमार, शहनाज, किरन, पूनम, अशोक, बबीता, रिया आदि अध्यापक गण उपस्थित रहें।