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‘बहू ने मेरा घर बर्बाद कर दिया’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा…’उम्र के अंतिम पड़ाव में सास को चैन से रहने दो’

सुप्रीम कोर्ट ने घेरलु हिंसा के एक मामले में दिलचस्प फैसला सुनाया। दरअसल, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बहू को अपनी सास का घर छोड़ने को कहा है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने घेरलु हिंसा के एक मामले में दिलचस्प फैसला सुनाया। दरअसल, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बहू को अपनी सास का घर छोड़ने को कहा है। अदालत का कहना है कि बुजुर्ग महिला अपने उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं, ऐसे में उन्हें चैन से रहने दें। हालांकि, कोर्ट ने निक्षपक्ष फैसला देते हुए बहू के लिए भी एक अन्य घर की व्यवस्था दी।

दरअसल, यह बुजुर्ग महिला मुंबई के विले पार्ले में रहती हैं और बहू को लोनावाला के घर में शिफ्ट करने को कहा है। बुजुर्ग महिला की शिकायत है कि बहू ने मेरा घर बर्बाद कर दिया है। वहीं, बहू ने कहा कि उसने शादी में 22 साल तक गंभीर यातना और उत्पीड़न सहा है। बहू का कहना था कि उसे परेशान किया गया तो उसने सह लिया लेकिन जब ससुराल वालों ने उसके दो बेटों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया तो वह सह नहीं पाई। महिला के दो बेटे हैं जो विदेश में रहते हैं। महिला अपने पति और सास के घर में ही अलग रहती है। बहू ने अपनी सास की तरफ से बेदखली की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह एक ही घर में अलग रहने की मौजूदा व्यवस्था जारी रख सकती है।

वहीं पति ने कहा कि 2018 तक वैवाहिक जीवन सुचारू था। अदालत ने पति को अपनी अलग हुई पत्नी के चरित्र पर आक्षेप लगाने से रोक दिया। बुजुर्ग महिला, बेटे और बहू की दलील सुनने के बाद, पीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि बुजुर्ग महिला जीवन के अंतिम पड़ाव में शांतिपूर्ण जीवन बिताएं। उन्हें कुछ मानसिक शांति मिलनी चाहिए लेकिन साथ ही, बहू के पास रहने के लिए जगह होनी चाहिए।

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